पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/१२५

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को जो उस समय मेरी चिकित्सा में थी, विष देकर मार डालता, और उसका कारण यह था कि वह युवक के मृत पिता की चौथी स्त्री थी। जो आयु में उस युवक की स्त्री से बहुत कम और एक मुनीम से खुल्लमखुल्ला फँसी थी, तथा लाखों रुपया उसे लुटा रही थी। एक रियासत में हमारे पुराने परिचित एक मित्र महाराज के प्राइवेट सेक्रेट्री थे, जो उनके मरने पर महारानी के भी प्राइवेट सेक्रेट्री रहे। कुछ दिन पूर्व हमैं दैवयोग से उस स्टेट में जाने का अवसर हुआ। तब युवक राजकुमार अधिकार सम्पन्न हुए थे। चर्चा चलने पर उन्होंने क्रोध रोक के असमर्थ होकर कहा, यदि वह सूअर यहाँ आयगा तो मैं अपने हाथ से उसे गोली मार दूंगा।

वृद्ध विवाह संसार के सभी देशों में होता है, परन्तु बराबर की स्त्रियों के साथ। पोती के समान बालिकाओं को इस प्रकार संसार की कोई भी सभ्य जाति कुर्बान नहीं करती।

इस कुप्रथा के कारण अनेक बूढ़े खूसट धन के लालच में गुणवती कन्यायें पा जाते हैं, और बेचारे दरिद्र युवक रह जाते हैं।

एक कामुक रईस ने सत्तर वर्ष की आयु में विवाह करने की इच्छा प्रकट की। और जब हमने उससे उसका कारण पूंछा तो कहा—हमारे मरने पर रोने वाला भी तो कोई चाहिये। इस पतित रईस की बातें सुनकर मिश्र के पुराने राजाओं का हमें स्मरण हो आया जो अपनी समाधियों में जीवित स्त्रियों को दफनाया करते थे।