पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/१६०

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कराग्रे वसति लक्ष्मी, कर मध्ये सरस्वती।
कर पृष्ठे च गोविन्दः प्रभाते कर दर्शनम्॥

प्रायः कोई बुरी घटना होने पर लोग कहते हैं आज सुबह किस का मुँह देखा था।

छींक भी शकुन की ख़ास निशानी है। शुभ अवसरों पर छींक होना निहायत वाहियात समझा जाता है। पर दो छींके होना शुभ है। खाते, पीते, सोते समय छींकना शुभ है।

नज़र लग जाना भी भारत भर में फैला है। लोग कहा करते हैं कि नज़र ऐसी कड़ी चीज़ है कि पत्थर को भी तोड़ सकती है। प्रायः बच्चों को नज़र का बड़ा ही भय रहता है। नज़र उतारने के अद्भुत अद्भुत उपाय काम में लाए जाते हैं। माता, पिता, कुटुम्बी, सम्बन्धी चाहे भी जिसकी नज़र बच्चे को लग सकती है। नज़र से बचने के बड़े बड़े टोटके किये जाते हैं। काजल का टीका लगाया जाता है। नोन, राई उतार कर आग में डाली जाती है। राख चटा दी जाती है। मकानों को भी नज़र से बचाने के लिये ख़ास तौर पर चिह्नित कर दिया जाता है। नज़र के डर से बहुत से सम्पन्न गृहस्थ भी बच्चों को साफ नहीं रखते न अच्छे वस्त्र पहनाते हैं।

बहुधा जिनके बच्चे कम जीते हैं वे उन्हें माँगकर वस्त्र पहिनाते है। और न जाने क्या क्या कार्य करते हैं जिनसे मनुष्य की बुद्धि का कोई भी सरोकार नहीं है। बहुधा बच्चा होने पर उसकी नाक में छेद करके लोहे की कील डाल देते हैं। और