पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/६५

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पोपों ने एक गुप्त समाज पहले पहल स्पेन देश में बनाया, फिर इटली में और पीछे अन्य देशों में भी। इसका नाम इनक्विजिशन (Inguisition) अर्थात् कसने का समाज था। इसमें अनेक प्रकार के भयानक शिकंजे मनुष्यों को कसने या उनके अंगों को काटने के लिये रक्खे गये। कोई स्त्री, पुरुष या बालक यदि इस अपराध में पकड़ा गया कि वह पोप का विरोधी है—प्रोटेस्टेन्ट है—तो उसे उसमें कसते थे—कष्ट देकर सब भेद पूंछते थे। इसके मेम्बर रात को लोगो के घर में घुस जाते और उन्हें सोते हुये उठा लाते तथा इसमें कस देते थे। इसके सिवा जो लोग इन शिकंजों में दबने से कई दिन तक भी न मरते थे और न पोप के धर्म को स्वीकार करते थे उन्हें जीता जला दिया जाता था। एक टोलेडो (Toledo) नामका विशप था जो प्रोटेस्टेन्ट हो गया था। उसने यह उपदेश दिया था कि पोप में क्षमा कराने की शक्ति नहीं है। तुम्हारे प्रभु मसीह का प्रायश्चित ही काफी है। इस अपराध में उसे इस सभा ने १८ वर्ष तक जेल मे रक्खा था। यह हत्यारी सभा सन् १४८१ से सन् १८०८ तक ३२७ वर्ष तक अखण्ड रूप से चलती रही और इस बीच में इसने ३ लाख ४१ हज़ार २१ (३४१०२१) प्राणियों को वध किया जिनमें ३२ हज़ार के लगभग जीते जलाये गये, २ लाख ९१ हज़ार ४५६ अर्थात् कुछ कम ३ लाख ऐसे महा दुःख और कष्ट में डाले गये जो बयान से बाहर हैं १७॥ हज़ार ऐसे थे जो या तो क़ैद में मरे या निकल भागे—उनके चित्र बनाकर जला दिये गये कि लोग डरें।