पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/७४

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आज भी धर्म सम्बन्धी अत्याचार वैसे ही बने हुये हैं धार्मिक अत्याचारों का एक प्रमाण तो यह है कि आज छः करोड़ अछूतों को हिन्दुओं ने पैरों में बल पूर्वक कुचल रक्खा है। उनकी स्त्रियां, बच्चे, बुजुर्ग किसी को भी उन्नत होने देना अपराध समझा जा रहा है। यह धार्मिक अत्याचार ही है कि निकम्मे मूर्ख, ठग, भिखारी ब्राह्मण-सिर्फ ब्राह्मण जाति में जन्म लेने के कारण श्रेष्ठसमझे जाते और अन्य जाति के श्रेष्ठ पुरुप नगण्य समझ जाते हैं। यह धार्मिक अत्याचार ही है कि करोड़ों विधवाएं बचपन से वृद्धावस्था तक में ही मृतपति के नाम को रोती हैं जिसे उन्होंने कभी देखा तक भी नहीं।

भविष्य में ये धार्मिक अत्याचार नहीं जिन्दा रहने पावेगे। इन धर्म ढकोसलों को नष्ट करके प्रत्येक मनुष्य को आजाद होना होगा। अछूतों, विधवाओं, गरीबों, ब्राह्मणों और शूद्रों को मनुष्य के सच्चे अधिकार मिलने चाहिये। और उन्हें हर तरह उन्नत होने का अवसर प्राप्त होना चाहिये।