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मित्रभेद]
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कथा सुना कर करटक ने कहा—"इसीलिए मैं मूर्ख मित्र की अपेक्षा विद्वान् शत्रु को अच्छा समझता हूँ।"

इधर दमनक करटक बात-चीत कर रहे थे, उधर शेर और बैल का संग्राम चल रहा था। शेर ने थोड़ी देर बाद बैल को इतना घायल कर दिया कि वह ज़मीन पर गिर कर मर गया।

मित्र-हत्या के बाद पिंगलक को बड़ा पश्चात्ताप हुआ, किन्तु दमनक ने आकर पिंगलक को फिर राजनीति का उपदेश दिया। पिंगलक ने दमनक को फिर अपना प्रधानमन्त्री बना लिया। दमनक की इच्छा पूरी हुई। पिंगलक दमनक की सहायता से राज्य-कार्य करने लगा।

 

॥प्रथम तन्त्र समाप्त॥