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[पञ्चतन्त्र
 


टिटिहरी ने यह कहानी सुना कर कहा—"इसी लिये मैं कहती हूँ कि अपने हितचिन्तकों की राय पर न चलने वाला व्यक्ति नष्ट हो जाता है।

इसके अतिरिक्त बुद्धिमानों में भी वही बुद्धिमान सफल होते हैं जो बिना आई विपत्ति का पहले से ही उपाय सोचते हैं, और जिनकी बुद्धि तत्काल अपनी रक्षा का उपाय सोच लेती है। 'जो होगा, देखा जायगा' कहने वाले शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं।"

टिटिहरे ने पूछा—"यह कैसे?"

टिटिहरी ने कहा—"सुनो—