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१८.
जैसे को तैसा
तुलां लोहसहस्रस्य यत्र खादन्ति मूषिकाः।
राजंस्तत्र हरेच्छयेनो बालकं नात्र संशयः॥
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जहां मन भर लोहे की तराज़ू को चूहे खा
जाएं वहां की चील भी बच्चे को उठा कर
ले जा सकती है।
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एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था। धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया। उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराज़ू थी। उसे एक महाजन के पास धरोहर रखकर वह विदेश चला गया। विदेश से वापिस आने के बाद उसने महाजन से अपनी धरोहर वापिस मांगी। महाजन ने कहा—"वह लोहे की तराज़ू तो चूहों ने खा ली।"
बनिये का लड़का समझ गया कि वह उस तराज़ू को देना नहीं चाहता। किन्तु अब उपाय कोई नहीं था। कुछ देर सोचकर उसने कहा—"कोई चिन्ता नहीं। चूहों ने खा डाली तो चूहों का
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