पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/१८२

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TRODUCTION । 82 urin x , 82 सेवानिदो याता: कैलास मनादिनः। बन्दवहसि गप करकासहों। 5 10 5. 5 249a. 88 भारत-कियाँ। 5 106a. 89 VP.कारियाइ भरहे। 5 171a. 84 किम्पि जिण-मवणहाँ खणु । 84 VP. स्वणस्य की उवार्य महुँ जणह। 5 10 76. 5 1716, 85 दण्डरपणुxx ममाडिट । 5 10 9a. 85 दण्डरमेन परिक्षेपं प्रवकिरे। 5 2506. 86 सबक विधारहाँ पुशुपवत्तिय। 5 11 2b. 86 ममसारभावमायाताः सुताते। 5 252b. 87 हवि कहावि। 5 11 Sa. 87 कथमपि। 5 258a. 88 दुम्मण दीण-भवणxxx 88 (8) दु:खिती। 5 2546. सप-गयरि संपता। 5114. (b) दीनबदनौ। 5 2786. VP. साएयपुरि समणुपत्तो। 5175b. 89 उम्ति म पाण गरिन्दहों। 511 56. 89 नायं प्राणांस्त्याझौत् क्षणार। 5 255a. 90 पण पहिबई विजु-विष्फुरियाई, 90 फेनोमानापनुःसाविशुपारनिभाः । सुषिणय xxxx॥ 5 270a. 512 8. VP. इन्दधणु-फेण-सुविणय- नीलया- सुम-गुब्युय-सारिच्छा। 5185. 91 है णिसुणेचिराउ मुगड पठित। 5 13 4. 91 VP. राया त विय सोमणxx मुच्छावसम्भलो परिमो। 5192. 92 किं सोएं कि खन्धावारें। 513 7. 92 VP. मग बसुमईए। 5 199a. 93 निवठिय वासु विहिxxx, 93 (8) राजीव-सम्पुढेऽपश्वर जहि मुड महुपर कमलमन्तरें। 5 14 8. द्विरेस निपीडितम् । 6 305b. (b) मृति मधुकरः प्रातः । 5 807b. VP. पेच्छह भमर पउम-मजो। 5 2186. 94बिहपुनगाउ, रस-कम्पडमान्ड । 94 (8) मकरन्दरसायकः। 5 807 a. तिहकामाउनसम्पु, कामिणि-बयणासच्॥ (b) यथाऽयमत्र संश(स): प्राप्तो मामधुनतः। 5 14 9. प्राप्स्यामो जयमप्ये सकाःबी-मुक्पाले 15 308. VP.जह परमगन्पो महो पिय मायरो अविचाणो। तह पह-बयण-कमले, मासत्तो नहो। 5219. 95सबरण पर-भाषण। 63 28. 95 सभाव एष कम्याना यत्परागार-सेवनम् । 6 44a, VP.होही पर-सोपाxxमर-चा16200. 96 6 4 5--9a. ( Names of Islands) 96 6 67-69a. VP. 6 81-88, 97 माहव-मासही पढम-दिने, 97 चैत्रस्य विक्से प्रथमेxxक्योxx वहि सिरिकण्ठे विष्णु पयाणड। 65 90. मसौदीप वानर-काश्चितम् ॥ 686. VP.पेत्तस्व पदमाविषसे लिरिकाडो निगयो । 6 86a.