पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/१९२

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INTRODUOTION 17 229 एममविणीसरिड ससाहणु 11 106b. 229 VP. निग्गओ जमो xx रहगयतुरासहिओ। 8238. 230 णिसुवि xxx 230 इति श्रुस्वा सुराधीशः संप्रामाय कृतोद्यतिः किर जिग्गा सणहेंवि पुरन्दर, निरुदो मनिवर्गेण । 8487. जग्गएँ ताम मन्ति थिउ 11 13 1-20. VP. एवं जमस्स बयणं सुणिऊण रणारम्भ कुम्वन्तो xx मन्तीहि निवारिओ। 8 252. 231 सुरसंगीयणयह जमरायहाँ। 11 13 66. 231 प्राप्य वा सुरसंगीतपुरस्य पतितां यमः । 8 494a. 232 दहमुहो वि जमउरि उच्छुरयहाँ 232 नगर सूर्यरजसे ददौ किष्किन्धसंझकं किकिन्धरि देवि सूररयहाँ। 11 13 8. तथक्षरजसे किष्कुपुरम्। 8 49700-498a. VP. अह रावणो-वि पत्तो आइचरयस्स देह किक्विन्धी । रिक्खरयस्स वि दिनं रिक्खपुरं । 8255. 233 गउ लङ्कह सवईमुहउ 233 आरुत्य पुष्पकं चारुविमानम् । 8 5020. जहें लग्ग विमाणे मणोहरउ। 11139. त्रिकूटशिखरं xxx प्रस्थितः। 8 503. VP. पुप्फविमाणारूढो उप्पइओ दहमुहो गयणं, वचइ लकाभिमुहो। 8 2565-257a. 234 मीसण। 1114 1a. 234 °भीषणम् । 8509a. 235 किं तमालत पन्तिड। 1114 3a. 235 तमालवनसंकाशम् । 8 508b. 236 (a) इन्दणील। 11143b. 236 नाना-रत्न-कर-बातम् । 85096. (b) मरगय। 11 14 4b. (c) सूरकन्ति-मणि। 11 14 56. 237 “जल-कल्लोल। 11 14 66.237 °ऊर्मिसंहतिम् । 8508b. 238 परिभमन्तिxxx जलयर। 11147b. 238 महाग्राहसमाकुलम् । 8 508a. 239 जणु णीसरिउ सम्बु परिमोसें। 239 सर्वे पौराः समागत्य xxx आननुः । 11 14 906. 8521. VP. सव्वे वि नायर-जणो बिणिग्गओ अहिमुहो। 8 2716. 240 णम्व-वधु-जय-सह-पउत्तिहि 11 14 10a. 240 जय नन्द चिरंजीव वर्धस्खो देहि संततम् । इति मङ्गलवाक्यानि प्रयुञानाः। 8 505. 241 भग्धपत्त। 11 14 10. 241 गृहीताघम् । 8519. 242 (a) लाहिवह पगु पुरें। 242 (a) प्रविवेश निजामीशो लङ्काम् । 11 14 11a. 8 5186. (b) जिह सुरवइ । 1114 11b. VP. लकापुरी पविट्ठो दहवयणो । 8 2016. (b) त्रिदशेश इव । 8 5186. VP. इन्द-सम-विभवो। 8 2016. 243 ता मेरुहें भवि, जिणवरु णवेवि, 243 VP. जम्बुद्दीवं पयाहिणं काउं नमिऊण तहि जें पडीवड मावइ । 12 1 9b. जिणहराई xxx पुणो एइ । 93. 244 गउ एक-दिवसें सुर-सुन्दारहें । 244 कन्या निम्रा तनूदरी गतस्ते नयितुं यावद् जा भवहरणेण तणूगरिहें। निप्रभिस्तावxx चन्द्रनखां जहे॥9 24-26. 3