पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२१५

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पउमचरित [क०-९०१,.-. [पहिलउ जयकारेवि परम-मुणि मुणि-वयणे जाहँ सिद्धन्त झुणि ॥१ झुणि जाहँ" अणिद्विय रत्तिदिणु जिणु हियएँ" ण फिट्टइ एकु" खणु॥२ खणु खणु वि जाहँ" ण विचलइ मणु मणु मग्गइ जाहँ मोक्ख-गमणु ॥३ गमणु वि जहिं णउँ जम्मणु मरणु ॥४ • मरणु वि कह होइ मुणीवरहँ मुणिवर जे लग्गा जिणवरहँ ॥५ जिणवर जें" लीय माण परहों(?) पर केव" दुकु जें परियणहों ॥ ६ परियणु मणे मण्णिउँ जेहिँ तिणु तिण-समउ णाहिँ लहु णरय-रि] ॥७ रिणु केम होइ भव-भय-रहिये भव-रहिय धम्म-संजम-सहियें ॥८ IS घत्ता॥ 10 जे काय चाय-मणे" णिच्छिरिय (जे) काम-कोह-दुण्णय-तरिय । ते एक-मणेण स यंभुर्ण वन्दिय गुरु परमायरिय ॥ ९] www

15 [१. पढमो संधि] तिहुअणलग्गण-ग्वम्भु गुरु परमेट्ठि णवेप्पिणु । पुणु आरम्भिय रामकह आरिसु जोएप्पिणु ॥१॥ [१] पणवेप्पिणु आइ-भडाराहों संसार-समुद्दुत्ताराहों ॥१ पणवेप्पिणु अजिय-जिणेसरहो दुज्जय-कन्दप्प-दप्प-हरहों ॥२ 8 This whole Kalavakt is missing in P. 9 SA जयकारिवि. 10 5 °वयणि, A°वयण. 11 जाह. 12SA हियइ. 13 इक्कु. 145 जाव. 15 A सुक्ख. 16 07. 17A जम्मण. 18 s मुणीसराह. 19 $ मुणिवर. 20%A जे. 21 पाण. 225 किंव. 235 जिं, A जे. 24A मषिणउं. 25A नाहि. 265 णरइ विणु. 27 5 रइ. 28 % रहिया. 29 s सम्म.. 30 s °सहिया. 315 मणि, 325 णिच्छया, A णिच्छिरया. 33 Metrically redundant. 34 °तरिया. 359 तं. 365 गुण. 37 % परमायरिया. 38 After this Kadavaka, A read the following Sanskrit stanza: भवति किल विनाशो दुर्जनः संगतानामिति वदति जनोऽयं सर्वमेतद्धि मिथ्या । उरगफणिमणीनां किं निमित्तेन राजन्न भवति विषदोषो ( विषशेषो) निर्विषो वा भुजाः ।। 39 5 घंभु. 40A परमेष्ठि. 11 नवेप्पिणु. 42115 °कहा. 1. 1 ! समुह. 2A पणविप्पिणु. आर्षे च रामायणम्.