पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२२६

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A . क०१६-१०१,1-३] विईओ संधि [१६] तेण वि विहसेविणु एम वुत्तु 'तउ होसइ तिहुअण-तिलउ पुत्तु ॥१ जसु मेरु-महागिरि-ण्हवणवी? गह-मण्डउ महिहर-खम्भ-गीढु ॥२ जसु मङ्गल कलस महा-समुद्द मजणय-काले वत्तीस इन्द' ॥३ तहों दिवसहों लग्गेवि अडु वरिसु गिवाण पवरिसिय रयण चरिसु ॥४ लहु णाहि-णरिन्दहों तणय गेहुँ अवइण्णु भडारउ णाण-देहु ॥ ५ थिउ गभन्भिन्तरे जिणवरिन्दु णव-णलिणि-पत्ते णं सलिल-विन्दु ॥६ वसुहार पवरिसिय पुणु ताम अण्णु वि अट्ठारह पक्ख जाम ॥ ७ जिण-सूरु समुहिउ तेय-पिण्डु वोहन्तु भव-जण-कमल-सण्डु ॥ ८ ॥ घत्ता॥ मोहन्धार-विणासयरु केवल-किरणायल। उइउ भडारउ रिसह-जिणु सइ भुवण-दिवायरु ॥९ 10

इय एत्थ पउमचरिए 'जिण-जम्मुप्पत्ति' इम" धणञ्जयासिय-सयम्भुएव-कए । पढम चिय साहियं" पर्व ॥१० 15 [२. विईओ संघि] जग-गुरु पुण्ण-पवित्तु तइलोकहों मङ्गलगार। सहसा णेवि सुरेहि मेरुहिँ अहिसित्तु भडारउ ॥ १ [१] उप्पण्णऍ तिहुअण-परमेसरें अट्ठोत्तर-सहास-लक्खण-धरें ॥१ भावण-भवणेहिँ सङ्ख पवजिय णं णव-पाउसें ण घण गजिय ॥२ विन्तर-भवणेहिं पडह-सहास. दस-दिसिवह-णिग्गर्य-णिग्योसई ॥३ 20 16. 1 PS विहसेप्पिणु. 28 एवं. 35A तिहुमण'. 4 न्हवणपीदु. PA 'महीहरु. 61' कलसु. 7 मजणए, 5 मजणइ. 8 $ कालि. 9 णारेंदहु. 10 5 तणइ. 11 A गेहि corrected to गेहु. 12 अवयण्णु. 13 P गभन्भतरे, गभन्भंतरि. 14 PSA °पत्ति. 15 A मोहंधारे. 16 Pणं सई, सइ, A सइ. 17 $ इस्थ. 189 missing. 19 A साहि. 1. 18 जय. 25 मंगलगरउ. 3। सुरेहि. 4 PA मेरुहि. 5A भवणिहिं. 6P °पावसे, S पाउस. 7 ण. 8 P वेंतर.9 भवणेहि. 10 PH °सहासइ. 118 दश. 125 °णिगय . 13 णिवोसई, 5 णिग्धोसइ.