पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२३८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

on 10 10 ०२,१-११,३,१-६] सईओ संघि [२] तहि थाऍवि परमेसरेण आई-पुराण-महेसरण। विसय सेण्णु संचूरियउ सुक्क-झाणु आऊरियां ॥१ एक-सुक्क झाणग्गि-पलित्तहाँ दो-गुण-धरहों दुविह-तव-तत्तहाँ ॥२ तियगारहों ति-सल्ल फेडन्तहों चउविह-कम्मिन्धण डहन्तहों ३ पश्चिन्दिर्य-दणु-दप्पु हरन्तहों छबिह-रस-परिचाउ करन्तहों ॥ ४ सत्त-महाभय परिसेसन्तहों अठ्ठ दुट्ठ मय णिण्णासन्तहों ॥५ णववि वम्भचेरु रक्खन्तहों दसविहु परम-धम्मु पालन्तहाँ ॥६ सुइ एयारहङ्ग जाणन्तहों वारह अणुवेक्खउ चिन्तन्तहों ॥७ तेरसविर चारित्तु चरन्तहों चउदसैविह-गुणथाणु चडन्तहों ॥ ८ पण्णारह पमाय वजन्तहों सोलहविह कसाय मुच्चन्तहों ॥९ सत्तारह संजम पालन्तहाँ अट्ठारह वि दोस णासन्तहो ॥१० ॥ धत्ता॥ सुह-झाणहों गय-माणहों अइपसण्ण-मुहयन्दहों। धवलुजलु तं केवलु णाणुप्पण्णु जिणिन्दहाँ" ॥ ११ [३] साहिये-णियं-सहाव-चरिउ चउतीसऽइसय-परियरिउ । थिउ जिणु णिडुय-कम्म-रउ णं ससहरु णिज्जलहरउ ॥१ पुण्ण-पवित्तु पाव-णिण्णासणु अण्णुप्पण्णुं धवल सिंहासणु ॥ २ किसलय-कुसुम-रिद्धि-संपण्णउँ अण्णेत्तहे असोउ उप्पण्णउँ ॥ ३ ॥ दिणयर-कोडि-पयाव-समुज्जलु अण्णेत्तहें पसण्णु भामण्डलु ॥ ४ अण्णेत्तहें ओणामिय-मत्था चामरिन्द थिय चमर-विहत्या ॥५ अण्णेत्तहे तिहुअणु" धवलन्तउ थिउ उद्दण्डं-धवल-छत्त-त्तउ ॥ ६ 2. 1 Ps तहि. 2 P आई, s illegible. 3 P °सेणु. 4 P आऊरिभउ. 5A एकू. 6 P तियगारहो, तियगारउ, A तियगावरव. 7 P°कमेंधणई, 8 कम्मेंधणई. 8 1 पंचेंदिय" 9 P निनासंतहो. 10 P$ णवविह. 11 A तेरह विहु. 12 चारिनु धुरंतहो. 13 s चोइस', A घउदह. 14 $ चरंतहो. 15 P°पसच, 8° पसण्णु, A पसन. 16 Pणाणुप्पनु, णाणुप्पत्तु, A नाणुप्पण्णु. 17 जिणेदहो. 3. 1. P S साहिउ. 25 जिण. 3 A उतीसाइलय. 5 °सा अइसह, A साइसयं. 4 P अण्णुपन्नु. 5 P °संपण्णउं, 5 °संपन्नउ, A "संच्छपणउं. 6s अण्णेतहे.7A उप्पण्णउं. 8 P A अमेत्तहे, अण्णेत्तहो. 9 अण्णेत्तहि. 10 !' उणामिय', उन्नावियः. 11s चामरेंद. 12 s चामरहस्था. 13 P अण्णेत्तह, S भण्णेत्तहि. 14 P तिहुअण, s तिहुयण, A तिहुमणु. 15 P उदंड पउ० चरि.4