पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

३३ क.१,१-९,२,१-२] चउत्थो संधि [४. चउत्थो संधि] सहिहुँ वरिस-सहासंहिं पुंण्ण-जयासहिं भरहु अउज्ज्ञ पईसरह । णव-णिसियर्र-धारउ कलह-पियारउ चक्करयणु ण पईसरंइ॥१ [१] पइसरइ ण पट्टणे चक्करयणु जिह अवुहब्भन्तरे सुकइ-वयणु ॥१ जिह वम्भयारि-मुहे काम-सत्थु जिह गोढुङ्गणे मणि-रयण-वत्थु ॥२ जिह वारि-णिवन्धणे हत्थि-ज़हु जिह दुजण-जणे" सज्जण-समूह ॥ ३ जिह किविण-णिहेलणे 'पणइ-विन्दु जिह वहुल-पक्खें खय-दिवस-चन्दु ॥४ जिह कामिणि-जणु माणुसे" अदवे जिह सम्मइंसणु" दूर-भवे ॥ ५ जिह महुअरि-कुलु दुग्गन्धे रण्णे जिह गुरु-गरहिउ अण्णाण-कण्णे ॥ ६ ॥ जिह परम-मोक्खु संसार-धम्में जिह जीव-दया-वर पाव-कम्में ॥ ७ पंढम-विहत्तिहें तप्पुरिसु जेम ण पईसइ उज्झहें चक्कु तेम ॥ ८ 5 ॥ घत्ता॥ तं पेवेवि थक्कन्तउँ विग्घु करन्तउ परवइ वेहाविद्ध। 'कहहु मन्ति-सामन्तही जय-जस-मन्तहों किं महु को वि असिद्धउ' ॥९॥ तं णिसुणेवि' मन्तिहिं वुत्तु एम छक्खण्ड वसुन्धरि णव णिहाण 'जं चिन्तहि तं तं सिद्ध देव ॥१ चउदह-विहेहिँ रयणेहि समाण ॥ २ 1. 15 सट्टिहु, A सहिहिं. 'सहासह. 3 s °जयासहि, A जयासह. 4 P S अवज्क्ष. 5A नवरि. 6 P णिसिअर, A निसियमसि'.7 ] पईसरई, A पईमई. 8 A अबुहन्भन्तरि. 9 P वंभायारि . 10s गोढंगणे. 11 Ps मणे. 1: P °णेवंधणि, 5 °णिवंधणि. 13 s जणि. 14 A दु. 15 दिवसि. 16 P$ माणुस. 17 P सम्मदसणु. 18 PS दूरे. 19 s महुयर, A महुयरि०. 20 PS दुग्गंध. 21 A सुक्खु. 22 र संसारे. 23 s धम्में. 24 जह. 25_A जीवदयक्खरु. 26s विहत्तिहिं. 27 5 उज्झहि. 28s पिक्खिवि, A पेच्छेवि. 29 s थकडा 30s कहह. 31A जयरसवंतहो. 2. 1s णिसुणिवि. मंतिहि. 3 Pएम corrected to एव, 6 एव. 4 s चिंतहिं, A जोयहि. 5 °विहेहि. 6 P रयणहिं, 8 रयणहि. [१] ५ पूर्णा यशेन (!) आशा वा छापा यम्य, गेषु चा. २गाचकसमूः मन्जनाच. ३ क्षयदिवसः अमावास्या तत्र. ४ कथितं धर्मोपदेश (A गुरुकथितः ). ५ प्रथमविभक्तौ यथा तत्पुरुषसमासः. ६ कोपातुरो जातः. पउ० चरि.5