पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२५६

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क०२, ९,३,१-९,४,१-६] पञ्चमो संधि ४३ चउविह-देव-णिकाएं जिणु पवइउ तुरन्तु ॥ पत्ता॥ आएं कलि-मल-रहियउँ ।। दसहिँ सहासहिँ सहियउँ ॥९ $ 10 दुढे तुरङ्गमु चञ्चल-छायहो थिउ छट्ठोवासें सुर-सारउ वम्हयत्त-घरे थक्कु भडारउ ॥१ रिसह जेम पारणउँ करेप्पिणु चउदह संवच्छर विहरेप्पिणु ॥२ सुक्क झाj आऊरिउ णिम्मलु पुणु उप्पण्णु णाणु तहों केवलु ॥ ३ अट्ट वि पाडिहेर समसरणउँ जिह रिसहहों तिह देवागमणंउ ॥ ४ गणहर णवइ लक्खु वर-साहुँहुँ वम्मह-मल्ल-णिसुम्भण-वाहुँहुँ ॥ ५ तहिजे काले जियसत्तु-सहोयरु तियसञ्जयों पुत्तु जयसायरु ॥ ६ जयसायरहों पुत्तु मुमणोहरु णामें सयरु सयल-चक्केसरु ॥ ७ भरहु जेम सहुँ णहिँ णिहाणहिं रयाह" चउदह विहहिँ-पहाणहिँ ॥ ८ ॥घत्ता ॥ सयल-पिहिमि-परिपालु एक्क-दिवमें चर्दुलझें। जीउ व कम्म-वसेण णि अवहरवि" तुरङ्गे ॥ ९ ॥ [४] गयउ पणासेवि पच्छिम-भायहों ॥१ पइसइ सुण्णारण्णु महाडइ जहिं कलि-कालहों हियवउ पाडइ ॥२ दुक्खु दुक्खु हरि दमिउँ णरिन्दे' णं मयरद्धउ परम-जिणिन्दै ॥३ ताम महा-सरु दीसइ स-कमलु चल-वीई तरङ्ग-भङ्गुर-जलु ॥ ४ तहिँ लय-मण्डवें उप्पल्लाणेवि सलिलु पिएवि तुरङ्गमु ण्हाणेवि" ॥ ५ समु मेल्लइ वेत्तालहों जाहिँ तिलयकेस सम्पाइय ताहिँ ॥ ६ 25 PS °रहिअउ. 26 5 इस. 27 सहसहि. 28 PS सहिअउ. 3. 18 छटोववासि, A छटोववासें. 2 वम्भयत्त°. BA पारणउं. 4A °मणु. 5 Missing in s. Georrectid t. समो', A समसरणउं. 7PSA देवागमणउं. 8 s °साहुहु. 9 Ps मलु. 10 15 °वाहुहु. 11 PS तहि. 12. जि. 13-A कालि. 14 A जयसायरहो. 15A समणोहर. 16 ययलु. 17 5 महु. 15 वेहि, : णवहि. 19P णिहाणेहिं, णिहाणहिं. 20 । स्यणहि, रयणेहिं 11 चिहहें, : बिहहि. 215 पहाणेहि, A पहाणेहिं. 23 5 A पिहिवि. 24 " चहुलगे, A चदुलंग.णिड. 2G 5 अवहरिवि. 4, 1. दु.2P पणामवि, पणासिवि. 3A सुण्णाराण. 19 जहि. 5 Ps °कालु वि. 6A दमिउं.75 णरेंदें, नरिंदे. 8 9 °जिणद. 9 12 वीची. 10 PS तहि. 11 PS ण्हाएवि, A न्हाणिवि. 128 चेत्तालहो, पेयालइ. 18A तिलककेस. [४] १ यमः द्वौ या. २ संध्यासमये. 20