पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२५८

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10 15 क०६,३-९७,१-१०] पञ्चमो संधि गउ उप्परि तासु पुण्णघणहों में जीविउ हरिउ सुलोयणहों ॥३ रहणेउरचकवालण-यरें विणिवाइउ पुण्णमेहुँ समरे ॥४ जो तोयदवाह" तोसु सुर भो रणमुहें कह वि" कह वि णे मुउ ॥५ गउ हंस-विमाणे तुट्ठ-मणु जहिँ अजिय-जिणिन्द-समोसरणु ॥६ मम्मीस दिण्ण अमरेसरण स-वइर-वित्तन्तु कहिउ गरेण ॥७ जे रिउ अणुपच्छऍ लग्नं तहों गय पासु पंडीवा णिय-णिवहीं ॥८ ॥ घत्ता ॥ तोयदवाहणु देव" पाण लएविणु णट्ठउँ । जिम सिद्धालऍ सिद्ध तिम समसंरणे पइट्टउ ॥९ [७] तं णिसुणेवि' पंहु झत्ति पलित्तउ णं खंड-हारु हुआंसणे घित्तउ ॥ १ 'मरु मरु जइ वि जाई पायालहों विसहर-भवण-मूल-धंण-जालहों ॥२ पइसइ जइ वि सरणु सुर-सेवहुँ दसविह-भवणवासिय-देवहुँ ॥ ३ पइसइ जइ वि सरण थिर-थाणहुँ अट्ट विहहुँ विन्तर-गिवाणहुँ ॥ ४ पइसइ जइ वि मरणु दुवारहुँ जोइस-देवहुँ पञ्च-पयारहुँ ॥५ कप्पामरहुँ जइ" वि अहमिन्दहुँ वरुण-पवण-वेइसवण-सुरिन्दहुँ ॥ ६ मरइ तो वि महु तोयदवाहणु' पइज करेंवि गउ ईससयलोयणु ॥७ पेक्दंवि माणथम्भु जिणिन्दैहों मच्छरु माणु वि गलिउ णरिन्दहों ॥८ सो वि गम्पि समसरणु पइट्टङ जिणु पणवेप्पिणु पुरउ णिविट्ठउ ॥९ विहि मि भवन्तराई वजरिय विहि मिजणण-वइरई परिहरियइँ ॥ १० ॥ 7 P पुण्णुघणहो. 8 $ जं. 9 PSA पुण्णुमेहु. 10 s तोयदवाहण. 11 P रणउहे, रणउहि. 12 P कहि वि कहिवि ण मउं, 5 कहि वि मुणउं, A कहवि न कहवि मुउ. 13 A त्तट्ठमणु. 14 PS जहि. 15 P जिणेद. 16 P दिन. 17 ॥ विनंत्तु. 18 s लग्गं, A लग्गु. 19 P निवहो. 20 Missing in Ps. 21 P$ लेवि. 22 P; पण?उ. 23 P५ सिद्धालय, A सिद्धालउ. 24 A समसरणु. 7. 1 Ps गिसुणिवि. 2 A खडभार. 3 R S हुआसणि. 4 ! जाहि. 5 IPS सुरसेवहो, A सेवहु. GPS °भवणवासियदेवहो, A देवहु. 7% थोरणहु, A °थाणहु. 8 P विहहों corrected to °विहहो, A विहहु. 9 P वेतर. 10 8 A °गिव्वाणहु. 11 $ A दुबारहु. 12 P जोइसएवढं, 5 जोइसण्वहो. 13 °पयारहो. 14 $ कप्पामरहो. 15 A अहव. 168 अहमिदहो. 17 °सुरिंदहु, सुरिंदहो. 18 A करिवि. 1.05 पेक्विवि. 20 P; जिणेदहो. 21 A वाटउ. 22 A विहिं वि. 28 P भवंतराइ. 24 PS बजरियइ. 25 PS °वहरइ. [६] १ सहस्राक्ष-पितुः. २ पूर्णमेघस्य. ३ न मृतः. ४ इन्द्रेण. ५ राहस्राक्षस्य भृत्याः. ६ पार्श्व गताः. ७ पुनः, सहस्राक्षस्य किकराः. [७] १ सहस्राक्षः. २ तृणभारम्. ३ मेघस्य. ४ धनदस्य. ५मम हस्ते. ६ सहस्राक्षः,