पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२५९

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पउमचरित [क०७,११,०, १-९,९,१-५ ॥धत्ता ॥ 498 "भीम-सुभीमहि ताम अहिणव-गहिय-पसाहणु। पुव-भवन्तर-णेहें अवरुण्डिउ घणवाहणु ॥ ११ [6] । पभणई भीमु भीम-भड-भञ्जणु 'तुहुँ महु अण्ण-भवन्तरे णन्दणु ॥१ जिह चिरु तिह एवहि मि पियार' चुम्विउ पुणु वि पुणु वि सयवारउ ॥२ 'लइ कामुक-विमाणु अवियारें लड़ रक्खसिय विज सहुँ हारें ॥३ अण्णु वि रयणायरं-परियश्चियं दुप्पइसार सुरेहि" मि वञ्चिय ॥४ तीस परम जोयण वित्थिण्णी" लङ्का-णयरि तुन्झु म. दिण्णी ॥ ५ अण्णु वि एक्क-चार छज्जोयण लइ पायाललङ्क घणवाहण' ॥ ६ भीम-महाभीमहुँ आएसें दिण्णु पयाणउँ मणे" परिओसें ॥ ७ विमलकित्ति-विमलामल-मन्तिीह" परिमि अवरेहि मि सामन्तेहि ॥८ 10 ॥ घना॥ लङ्काउरिहिं पइछु अविचल रजें परिट्ठिउ । रक्खस-वंसहों णाई पहिलड कन्दु समुहिउँ ॥९ [9] वहवें काले वल-संपत्ति अजिय-जिणहों गउ वन्दण-हत्तिएँ ॥१ तं समसरणु पईसइ जावेहि सयरु वि तहिँ जे पराइउ ताहि ॥ २ पुच्छिउ णाहु पिहिमि-परिपाले 'कइ होसन्ति भवन्तें कालें ॥३ तुम्हें जेहा वय-गुण-वन्ता. कइ तित्थयरं देव अइकन्ता' ॥४ तं णिसुणेवि कन्दप्प-वियारउ मागह-भासऍ कहइ भडारउ ॥ ५ 20 A 2GA भीममुभीमहिं. 27 नाव. 28 A "नेहि. 8. 1 पभणई. : P नुहु. भवंतरि. 4 A एवहिं वि. 5 5 कमुविकमाण. GPS सहु.7 A अपण. 8: रयणापरे .. परे अंचिभ, stoin. 10 10 $ A सुरेहिं. 11 Ps विथिण्णी. 12 मद. 13. इ. 1.! !' जोयण. lio: "महाभीमहु, A °महाभीमह. 16 1 पयाण. 17 माण. 18 : विनलामल, दिमलमल, A "विमलालय'. 19 PS मंतेहिं. 20 परिमिर. : ।। अहि. सामंतिहि. लंकाउरिहे. 24 PS अविचले. " ।' राज़, 5 रज. 6 PS पाइ.:7 समुहिडं. 9. LA विह... संपत्ति 3A जाहिं... हिज परायउ ताविहिं. 5A पिहिवि. GA हवनं का. हि, तुम्हे. तित्थर, तिस्थर. 9 s°भासह, A °भासई. राक्षसेन्द्राभ्याम्. [८] १ नवकण्टा-हारेण सह. २ एकद्वारो यत्रा.