पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२८६

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२०५,५-118६,१-९] अट्टमो संधि सण्णज्झइ णइरिउ मोग्गर-धर रिच्छारूद रणङ्गणे दुद्धरु ॥५ सण्णज्झइ वरुणु वि दुईसणु णागवास-करु करिमयरासणु ॥६ सण्णज्झइ मिग-गमणु समीरणु तरुवर-पर्वरुग्गामिय-पहरणु ॥ ७ सण्णज्झइ कुवेरु फुरियाहरु पुष्फ-विमाणारूढ सत्ति-करु ॥ सण्णज्झइ ईसाणु विसासणु सूल-पाणि पर-वल-संतासणु ॥९ सण्णज्झइ पञ्चाणण-गामि कुन्त-पाणि ससि ससिपुर-सामिउ ॥ १० ॥घत्ता॥ जाइँ वि दिल्लीहोन्ता ताइ मि रणरसं-पुलउग्गयई। णिऍवि परोप्परु चिन्धाइँ सुहडहुँ" कवयइँ फुडेवि" गयई ॥ ११ 10 ताम परोप्परु वेहाविद्धं मुसुमूरिय-उर-सिर-मुह-कन्धर पुच्छुग्गीरिय पडिपहरन्ति व जोह वि अमुणिय-जंढर-उरत्थल संचूरिय तुरङ्ग-धर्य-सारहि तहिं अवसरे रहणेउर-सारहों सूररएण सोमु रणे खारिउ जमु "किक्किन्धे धणउ सुमालिं पढम भिडन्तैइँ अग्गिम-खन्धं ॥१ पच्छिम-भाअ-सेस थियं कुञ्जर ॥२ 'कहिँ गय अग्गिम-भाय' भणन्ति व॥३ 'कहिँ गय रिउ' पहरन्ति व करयल ॥४ चक्क-सेस थिय णवर महारहि ॥५ धाइउँ मल्लवन्तु सहसारहों ॥६ उच्छुरएण वरुणु हक्कारिउ ॥७ पवणु सुकेसे सुरवइ मॉलिं॥८ ॥ घत्ता ॥ 20 'एत्तिउँ कालु ण वुझियउ तुहुँ कवणहुँ इन्दहुँ इन्दु कहें। रण्डेंहिँ मुण्डेहि जिब्भिऍहि किं" जो सो रम्महि इन्दवहें" ॥९ 7s मोग्गरघरु. 8 A मयरासणु. 9 8 तरुवरु. 10 s पहरु. 11 °विमाणस्तु सत्तिमकल. 12 A गामिलं. 13 A कोत'. 14 1 टीलीहोताइ. 15 s रणस. 16s पुलग्गवइ, A पुलउगयाइं. 17 5 चिंघाइ. 18 s सुहडह कवयह. 19 8 A फुट्टिवि. 20 ७ गया, A गया. 6. 1 s ताव. वेहाइंडह. 3 A भिडंतहुं. 4s खंघह, A °खंघहु. 5s थिम.68 पुंच्छु.7 This hemistich is missing in s. 8A कहि. 9 3 अपुणिय. 10 A अढरोर- स्थल. 11 s कहि, A कह. 1: A पसरति. 13 A धुरसारहिं. 14 s ठिय. 15 A महारहिं. 16 s तहि. 17 धायउ. 18 s रणि. 19 s उच्छरएण. 20 A जसु किकिंधे. 218 सुमाले. 22 A सुकेसिं. 23 s मालें. 24 A एत्तड. 26 s कवणहो, A कवण्हुं. 27 3 missing. 28 A रिहिं मुंडिहिं. 298 जिमिएहिं, A भएहिं. 30 रम्महिं. 315 इंदवहो. पउ० चरि. 10 25 S A I