पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२९२

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2०४, १-९,५,1-6] णवमो संधि ७९ $ 18 [४] खेलन्तु पईसइ भण्डार जैहिँ तोयंदवाहण-तणउ हारु ॥१ णव-मुंहइँ जासु मणि-जडियाइँ णव गह परियप्पेवि घडियाइँ॥२ जो परिपालिजइ पण्णऍहिँ आसीविस-रोसाउण्णएँहि ॥ ३ सामण्णहों अण्णहाँ करइ वहु मो कण्ठउ दुट्ट दुबिसहु ॥ ४ सहसत्ति लग्गु करें दहमुहहों णं मित्तु सुमित्तहों अहिमुहहों ॥५ परिहिउ णव-मुहइँ समुट्ठिय. णं गह-विम्वइँ सु-परिट्ठियइँ॥६ णं सयवत्तई संचारिम णं कामिणि-वयण कारिमइँ ॥७ वोल्लन्ति समंउ वोल्लन्तऍण स-वियारु हसन्ति हसन्तऍण ॥८ ॥ घत्ता ॥ पेक्खेप्पिणु ताई दहाणणइ थिर-तारईं तरलइँ लोयणइँ । तें दहमुहु दहसिरु जणेण किउँ पञ्चाणणु जेम पैसिद्धि गउ ॥९ [५] जं परिहिउ कण्ठउ रावणेण किउ वद्धावणउ सु-परियणेण ॥१ रयणासउ कइकसि धाईय आणन्दें कहि मि ण माइयइँ ॥२ णिसुणेप्पिणु आइउँ उच्छुर किक्किन्धु स-कन्तउ सूररउँ ॥३ संयलेहिँ णिहालिउ साहरणु दह-गीउम्मीलिय-दह-वयणु ॥४ परिचिन्तिउ ‘णउ सामण्णु णरु ऍहु होइ णिरुत्तउ चक्कहरु ॥ ५ एयहाँ पासिउ रजु वि विउलु कइ-जाउहाण-वलु "रणे अतुलु ॥ ६ एयहों पासिउ सुरवइहें खउँ जम-वरुण-कुवेरहँ णाहिं जउ' ॥७ ॥ घत्ता॥ अण्णेक-दिवमें गजन्तु किहँ णव-पाउसें जलहर-विन्दु जिहें । णहें जन्तउ पेक्खेंवि वइसवणु पुणु पुच्छिय जणणि 'एहु कवणु' ॥८ 4. 15 सइ भंडारु. 2 Ps जहि । तोयदवाहणहो..।' मुहइ. 5 P मणे. 6 PS परिअप्पेवि. 7 1 घडिआई, । घडियाए. 81 पण्णय हिं.. परिहउ 10 s मित्त. 11 s परि. हउ. 12 A "मुहइ. 16 P., समुट्ठियाई. 14 P.। सुपरिट्टियाइं. 15 PS संचारियाई. 16 P कारिमाइं, कारियाइ. 17 A समउं. 18 s ताए. 19 A missing. 20 5 तारह तरकइ. 218 दहमुह.22115 कउ. 23 1 पसिद्धे. 5. 15 परिहउ.21वद्धावणउं. घाइयई, A धाइयाई. 4A कहिं मि न माह. याई. 5s आयउ. 6PS उच्छरउ. 7A सूररउं. 8A सयलहिं मि. 9A दाहगीत'. 108 सामण्ण. 11 s यहु. 12 A विमलु. 13 5 जाउहाणु. 14 PS अतुलवलु. 15 P सुरवरहि, $ सुरवरहो. 16 s खओ. 17 P°धणयकुवेरहं, धणयकुवेरहो. 18 25 णहि. 19 8 किहा. 20 s°पाउस. 2] P जलयर, यलयर. 22PS जिहा. 23 P Sणहि. 24 ? पेक्सिपि, पिक्खिवि. वइसवणो. 26 कम्त्रणु. [५] 1 वानरराक्षयोः 20