पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२९६

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10 15 २०११-१,१२,१-९१३,१-५] णवमो संधि सिर-कमलई ताह "मि केराई उवणाऍवि दुक्ख-जणेराइँ ॥७ रावणों गम्पि दरिसाविय पउँम. व णाल-मेल्लावियइँ ॥८ ॥ घत्ता ॥ जं एम वि रावणु अचलु थिउँ तं देवहिँ साहुकारु किउ । विजहुँ सहासु उप्पण्णु किह तित्थयरहों केवल-णाणु जिह ॥ ९ [१२] आगया कहकहन्ती महाकालिणी गयण-संचालिणी भाणु-परिमालिणी ॥१ कालि कोमारि वाराहि माहेसरी घोर-वीरासणी जोगजोगेसरी ॥२ सोमणी रयण वम्भाणि इन्दाइणी अणिम लहिमत्ति' पण्णत्ति कञ्चाइणी॥३ डहणि उच्चाटिणी थम्भणी मोहणी वइरि-विद्धंसंणी भुवर्ण-संखोहणी ॥४ वारुणी पावणी भूमि-गिरि-दौरिणी काम-सुह-दाइणी वन्ध-वह-कारिणी ॥ ५ सव-पच्छायणी सब-आकरिसिणी विजय जय जिम्भिणी सब-मय-णासणी६ सत्ति-संवाहिणी कुडिल अवलोयणी अग्गि-जल-थम्भणी छिन्दणी भिन्दणी७ आसुरी रक्खसी वारुणी वरिसणी दारुणी दुण्णिवारा य दुद्दरिसणी ॥८ ॥धत्ता॥ आऍहि वर-विजेहिं आइयहिं रावणु गुण-गण-अणुराइयहि । चउदिसि परिवारिउ सहइ किह मयलञ्छणु छणे ताराहुँ जिह ॥९ [१३] सव्वोसह थम्भणी मोहणिय संविद्धिं णहङ्गण-गामिणिय ॥१ आयउ पञ्च वि ववगयउ तहिं थिउ कुम्भयण्णु चल-झाणु जहि ॥२ सिद्धत्य सत्तु-विणिवारणियं णिबिग्घ गयण-संचारिणियं ॥३ आयउ चयारि पुणु चल-मणहों आसण्णउ थियउ विहीसणों ॥४ एत्थन्तरे पुण्ण-मणोरहें बहु-विजालकिय-विग्गण ॥ ५ 13 A सिरि. 14 1 वाहमि, A ताहि मि. 15 1 उगाएवि, ओणाइवि. " marginally जण-मण-आणंद-जणेराई। पाठे. 16 I'S A पउमइ. 17 स्थिउं. 18 IS A विजहु. 12. 1A लहिमपण्णत्ति. 219 °विद्वंसिणी. 3 भुवणि. 4 A "दारणी. 5A सव्वथप. च्छायणी. 6 PS थंभणी. 74 भिदणी. 8 : मायहि.94 वरविजेहिं. 10 आयहिं. IIA रावणुवणु. 12 P A °अणुरायएराहें, s अणुरायहि. 13. 1 P सव्वासह, marginally 'सवागृह (?) पाटे. - PA संविद्धि, s संविधि. 3 णहंगणे, A Jहंगणि. 4 P S A गामिणीय. 5 PSA °विणिवारणीय. G A गय'.7 1" SA संचारणीय, 8 PSA मणोहरेण. [१२] १ एताभिः. 20