पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३१४

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wy 10 .०३, ८-९,४,१-९,५,१-६] वारहमो संधि अलहन्तु वारु तं णिप्पसह गउ वलेंवि पडीवउ णिय-णयह ॥८ ॥ घत्ता॥ छुडु छुड दहवयणु परितुट्ठ-मणु किर स-कलत्तर आवइ । उम्मण-दुम्मण असुहावर्णउ णिय-घर ताम विहावइ ॥९ [४] तुरमाणे केण वि वजरिउ खर-दूसण-कण्णा-दुचरिउ ॥१ अत्थक्कएँ आयम्बिर-णयणु कुढ़े लग्गइ स-रहसु दहवयणु ॥२ करें धरिउ ताम मन्दोवरिऍ णं गङ्गा-चाहु जउण-सरिऍ ॥३ 'परमेसर कहाँ वि ण अप्पणिय जिह कण्ण तेम पर-भायणिय ॥४ एक इ करवाल-भयङ्करहुँ चउदह सहास विज्जाहरहुँ ॥५ जइ आण-चडीवा होन्ति पुणु तो घरें अच्छन्तिऍ कवणु गुणु ॥ ६ पट्ठवहि महन्ता मुऍवि रणु कण्णहें करन्तु पाणिग्गहणु' ॥७ तं वयणु सुर्णेवि मारिच-मय पेसिय दर्हवत्ते तुरिअ गय ॥८ ॥ घत्ता ॥ तेहिं विवाहु किउ खरु रजे थिउ अणुराहहें विज-संहिउ । वणे णिवसन्तियहें वय-वन्तियहें सुउ उप्पण्णु विराहिउ ॥ ९ [५] एत्थन्तर जम-जूरावणेण तं सल्लु धरेप्पिणु रावणेण ॥१ पट्टविउ महामइ दूउ तहिं सुग्गीव-सहोयरु वालि जहिं ॥ २ वोलाविउ थाऍवि अहिमुहेंण 'हउँ एम विसजिउ दहमुहेंण ॥ ३ एक्कूणवीस-रजन्तर मित्तइयऍ गयइँ णिरन्तर ॥ ४ कॉ वि कित्तिधवलु णामेण चिरु सिरिकण्ठ-कजे थिउ देवि सिरु ॥ ५ णवमउ परिणाविउ अमरपहु जे धऍहिँ लिहाविउ कइ-णिवहु ॥ ६ 12 A 13 Hereafter P marignally adds the following lines : भणुराहा चंदोयरहो पिया परिपुण्णगब्भ वणे कहिम्मि गया। They were originally written in the boginning of the next Kalavaka. But there they are deleted. S also reads these lines at the beginning of the next Kadavaka. They do not occur in A. 14 PS दुम्मणदुम्मणउं. 15 P IS A असुहावणउं. 4. IA मंदोयरिए. 2 Ps तेव. 3rs °भायणीय. 4 Ps तिक्खइ. 5A गणु, 6P दहवयणई, s दहवयण व. 7 Ps णवर, P marginally, 'तुरिय' पाटे. 8 P 5 तेहि, तहिं.9 PS खर. 10 A वि जमाहिउ. 11 P वयवंतियहु, 5 वयवंतियहो, A चुयवंतियहे. 5. 1 A जग.. 2 PS A हउ. 3 P$ 'रजंतराइं. 4 PS मित्तइए. 5 Psणिरंवाई.62 सिरिकंठे. 7 यह. 24