पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३२२

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04-2011-10७,.] तेरहमो संधि उच्छलिउ कहि मि जलु धवल-धारु णं तुडेवि गउ गिरिवरहाँ हारु ॥७ कत्थइ उट्ठिय वलाय-सयई णं तुमुवि गिरि-अद्वियइँ गयहँ ॥८ कत्यइ उच्छलियइँ विहुमाई णं रुहिर-फुलिाई अहिणवाई ॥९ ॥घत्ता॥ अण्णु विजो अण्णहाँ हत्थेण णिय-थाणही मेल्लाविया । णिञ्चलु ववसाय-विहूणउ कवणु ण आवइ पावियउ ॥१० ॥ दुवई ॥ ताम फडा-कडप्प-विप्फुरिय-परिप्फुड-मणि-णिहायहो । आसण-कम्पु जाउ पायालयले धरणिन्दरायहो ॥१ अहि अवहि पउछेवि आउ तेत्थु रावणु केलासुद्धरणु जेत्थु ॥२ जहिं मणि-सिलायलुप्पीलुं फुड गिरि-डिम्भहों' णं कडिसरउ तुटु ॥ ३ जहि वणयर-थट्ट-मर? भग्गु जहिँ वालि महारिसि सोवसग्गु ॥४ जल-मल-पसाहियं-सयल-गन्तु विजा-जोगेसर रिद्धि-पर्नु ॥ ५ तिण-कणयकोडि-सामण्ण-भाउ सुहि-सत्तु-एक-कारण-सहाउ ॥ ६ सो जइवरु कुञ्चिय-कर-कमेण परिअश्चिउ मिउ भुअङ्गमेण ॥ ७ महियल-गय-सीसावलि विहाई किय अहिणव-कमलच्चणिय णाई॥ रेहइ फणालि मणि-विष्फुरन्ति णं वोहिय पुरउ पईर्व-पन्ति ॥९ ॥ घत्ता ॥ पणवन्तें देससयलोयणेण हेहामुहुँ कइलासु णिउ । सोणि दह-मुहेंहिं वहन्त दहमुहु कुम्मागारु किउ ॥ १० [७] ॥ दुवई ॥ जं अहिपवर-राय-गुरुभारकन्त-धरेण पेल्लिओ। दस-दिसिवह-भरन्तु दहवयणे घोराराउ 'मेल्लिओ ॥१ 11 PS A तुष्टिवि. 12 8 °पुडिंगई. 13 PS अण्ण सहरणेण, अण्णहो सहस्येण. 14A ठाणहो. 6. 1P फडा. 2 PS परिफुट.. 3 Pपायालए ता, पावालहो ता. 4A रावण केलास.. 5 P8A अहि. 6 सिलायले पीढु. 7 PS डिंभु कम्य. 8 PS °मरह. 9 P. पहासिष'. 108 अतु. 11 PएY, S एकु. 125 करेण. 13 A परिसंचेविणविउ. 14s बिहाइं. 15 °विपुरंतु. 16 P पहव०. 178 हेटामुह, A हेहामुहूं. 18 A सोणिउं. 19 A मुयंतर. 20 A कुम्मावाक. 7. 1 PSA मेलिड. [६] १ धरणेद्रेण. [७] धरणेन्द्र, www 10PSजल.