पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३५१

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रणमुहें दुद्धरु 15 पउमचरित [ 8,9-10;4, gone [४] सुरवर-किकारेहिँ उत्थरेंवि अहिमुहेहिँ। लइ पसण्णकित्ति तिक्खेहि सिलिमुहेहिं ॥१ तो एत्थन्तरे दिढ-भुअ-डालें रावण-पित्तिएण सिरिमाले॥२ • रहवर वाहिउ सुरवर-वन्दहों पढमउ 'भिट्ठ महाहवे चन्दहों ॥३ कुन्त-विहत्थों सीहारूढहों जयसिरि-पवर-णारि-अवगूढहाँ ॥ ४ 'अरे स-कलङ्क वङ्क महिलाणण पुरउ म थाहि जाहि मयलञ्छण' ॥५ त णिसुणेवि ओखण्डिय-माणउ ल्हसिउ मियड थक्कु जमराणउ ॥ ६ महिसारूदु दण्ड-पहरण-धरु तिहुअण-जण-मण-णयण-भयङ्करु ॥ ७ ॥ सो वि समुत्थरन्तु दणु-दुट्ठउ किउ णिविसढ़ें पाराउडउ ॥८ ताम कुवेरु थकु सवडम्मुहु किउ णारांऍहिं सो वि परम्मुहु ॥९ ॥ धत्ता । सिरिमालि धणुद्धरु धरेंवि ण सकिउ सुरवरेंहिं। संताज करन्तउ पाण हरन्तर वम्महु जेम कु-मुंणिवरेंहि ॥ १० [५] भग्गें कियन्तें समरें तो ससि-कुवेर-राएं। केसरि-कणय-हुअवहा मल्लवन्त-जाएं ॥१ तिण्णि वि भिडिय खत्तु आमेलेवि धय-धूवन्त महारह पेल्लेवि ॥२ तीहि मि समकण्डिङ रयणीयरु णं धाराहर-घणेहि महीहरु ॥३ सरवर-सरवरेहि विणिवारिय तिणि वि पुट्टि देन्त ओसारिय॥४ अमर-कुमार णवर उद्धाइय रिउ जिह एकहि मिलेंवि पराइयं ॥५ लइय सिलीमुहेहिँ सिरिमालि परम-जिणिन्द-चरण-कमलालिं ॥६ अससीहिँ सीस उच्छिण्णई णं णीलुप्पलाई विक्खिण्णई॥७ जउ जउ जाउहाणु परिसक्का तउ तउ अहिमुहु को विणथकाइ ॥८ णिऍवि कुमार-सिरइँ छिज्जन्तइँ रण-देवयहें वलि 4 दिजन्तई ॥९ 4. 1 P छइमउ. 2 P S A सिलीमुहेहिं. 3 2 °विदहो. 4 A पढमुभिहु. 5 PS अता- विव.6 4 मयंक. 7 P marginally, 'रणे' पाठे; 4 रणे. 8 P S णाराएं. 9 Ps रणउद. 10 P कुमुणिवरहुं, कुमुणिवरहो. 6. 1A भग्ग.2PS कियंत. 38°रायणं. 4 मायेणं. 5 PSA मामेल्लिवि.6P SA पेष्टिवि. 7 A समकुंडियउ. 8 P जमजीह एकिहि. 9A पधाइय. 10 P 5 सिरिमाले. 11चरणकमकाहिं. 12 s सीसह. 18 F S वि. [५] १ समूहस. १ भेड. १ मालिशितस. [५] तिणि वि मिडिय' इति सम्बन्धः. 20 25