पृष्ठ:पत्थर युग के दो बुत.djvu/१९७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पत्थर-युग के दो बुत १८६ 1 जैसा भी है, उसकी यथार्थता की सीमा मे जो व्यक्ति जिस रूप मे प्राता है, उसका छोटे-बडे का विना विचार किए, कानून के अनुसार निप्पक्ष विचार होना चाहिए। इसलिए मै जनमत या भावुकता को प्राथमिकता नही दे सकता, और यह निर्णय देता है कि अभियुक्त दोपी प्रमाणित है। और मेरी आज्ञा है कि उसे फासी पर लटका दिया जाए, जब तक कि उसके प्राण-पखेरू उसके शरीर से पृथक् होकर अन्तरिक्ष मे न उड जाए ।