पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१२०

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हो जाती है। यह विकास लाजिमी होता है, क्योंकि यही स्वाभाविक विकास है। ये तीनों समूह रक्त-सम्बन्ध के विभिन्न स्तरो का प्रतिनिधित्व करते हैं; उनमें से हर एक अपने मे पूर्ण होता है और स्वयं अपनी व्यवस्था और प्रबंध करता है, परन्तु साथ ही अन्य सब संगठनों का अनुपूरक भी होता है। इनके हाथों में जो मामले होते है, उनमें वर्बर युग की निम्न अवस्था के लोगों के सभी सार्वजनिक मामले आ जाते है। इसलिये, जहा कही भी किसी जाति को सामाजिक इकाई के रूप में गोत्र दिखायी पड़े, वहा हम कबीले के उपरोक्त ढंग का सगठन पाने की भी आशा कर सकते हैं। और जहां कही काफ़ी मूल सामग्री मौजूद है, जैसा कि, मिसाल के लिये , यूनानियों और रोमन लोगों के विषय में मौजूद है, वहां हम ऐसा ही संगठन पायेगे। यही नहीं, जहां कहीं सामग्री कम पड़ जाती है, वहां हम यह विश्वास रख सकते है कि अमरीकी समाज-विधान से तुलना करने पर हम अपनी बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को हल कर सकेंगे और बड़े से बड़े सन्देहों और उलझनों को दूर कर सकेगे। और शिशुवत सीधा-सादा यह गोत्र-संगठन सचमुच एक विलक्षण चीज़ है ! न फ़ौज है, न जेन्दार्म और न पुलिस ; न सामन्त है और न राजा, न गवर्नर है, न प्रीफेक्ट और न न्यायाधीश ; न अदालतें है और न जेलखाने , और तब भी सब काम बड़े मजे से चलता रहता है। कोई झगड़ा उठ खडा होता है तो उससे सम्बन्धित सभी लोग-गोन या कबीले या कई अलग-अलग गोत्रों के लोग मिलकर उसे निपटा देते है। रक्त-प्रतिशोध भी, केवल उस समय लिया जाता है जब और किसी तरह झगड़ा नहीं निपटता, इसलिये उसकी नौबत बहुत कम पा पाती है। हमारा मृत्यु-दंड इसी चीज का सभ्य रूप है-जिसमें सभ्यता की अच्छाइयां भी है और बुराइयां भी। उस समय लोगों को आज से कही अधिक मामलों को मिलकर तय करना पड़ता था। कई-कई परिवार एकसाथ मिलकर और सामुदायिक ढंग से घर चलाते थे, जमीन पूरे कबीले की सम्पत्ति होती थी, अलग- अलग घरों को केवल छोटे-छोटे वगीचे अस्थायी रूप से मिलते थे। बहुत सारे काम लोग मिलकर करते थे, फिर आजकल के जैसे लम्बे-चौड़े और जटिल प्रशासन-मशीनरी की रत्ती बरावर आवश्यकता नहीं होती थी। जिनका जिस मामले से सम्बन्ध होता था, वे ही उसका फैसला कर देते थे और अधिकतर मामले तो सदियों पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार अपने - , १२२