पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१८

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पेश करते थे। मैक-लेनन ने प्राचीन तथा आधुनिक काल की बहुत-से जांगल , बर्वर और यहां तक कि सभ्य जातियो में भी विवाह के एक ऐसे रूप का पता लगाया था जिसमे वर को, अकेले या अपने मित्रों के साथ , वधू का उसके सम्बन्धियो के यहा से जबर्दस्ती अपहरण करने का स्वांग रचना पड़ता था। यह प्रथा अवश्य ही किसी पुरानी प्रथा का अवशेष है, जिसमे एक कबीले के पुरुप , बाहर की, दूसरे कबीलो की, लड़कियों का वास्तव मे जबर्दस्ती अपहरण करके अपने लिये पत्नियां प्राप्त करते रहे होगे। तो फिर इस “अपहरण-विवाह" का प्रारम्भ कैसे हुआ होगा? जब तक पुरपो को अपने ही कबीले के अन्दर काफ़ी स्त्रिया मिल सकती थी, तब तक इस प्रथा को अपनाने का कोई कारण नही हो सकता था। लेकिन, इसी तरह से अक्सर हमे यह भी देखने को मिलता है कि अविकसित जातियों मे कुछ ऐसे समूह पाये जाते है (१८६५ में इन समूहो को और कवीलो को एक ही चीज़ समझा जाता था), जिनके अन्दर विवाह करने की मनाही है। जिससे कि पुरुपो को अपने लिये पत्निया और स्त्रियो को अपने लिये पति इन समूहो के वाहर ढूढने पड़ते हैं। दूसरी ओर कुछ और जातियों में यह प्रथा पायी जाती है कि एक समूह के पुरुषो को अपने समूह की स्त्रियो से ही विवाह करना पड़ता है। मैक-लेनन ने पहले प्रकार के समूहो को बहिर्विवाही और दूसरे प्रकार के समूहो को अन्तर्विवाही नाम दिये, मोर लगे हाय बहिर्विवाही तथा अन्तर्विवाही "कबीलो" को एक दूसरे का बिलकुल व्यतिरेकी बना दिया। और यद्यपि यहिर्विवाह प्रथा के बारे मे उनकी अपनी योज से ही ठीक उनकी नाक के नीचे इस बात के अनेक सबूत भाकर मौजूद हो जाते है कि, यदि सव या अधिकतर स्थानी में नहीं, तो कम से कम बहुत-से स्थानों में यह व्यतिरेक उनकी कल्पना मात्र है, तब भी वह उसे अपने पूरे सिद्धान्त का प्राधार वना डालते हैं। चुनाचे वह तय कर देते हैं कि बहिर्विवाही कबीले केवल दूसरे कबीलों से ही पत्निया प्राप्त कर सकते हैं, और चूकि जागल युग की विशेषता यह थी कि कबीलों मे सदा युद्ध पलता रहता था, इमलिये मैक-सेनन का विश्वास है कि केवल अपहरण करः ही पत्नियों को प्राप्त किया जा सकता था। मंग-लेनन फिर प्रश्न करते हैं: बहिर्विवाह प्रथा का जन्म कैसे हुमा? रपा-मम्बन्ध तया अगम्यागमन की धारणामो मे इस प्रया का कोई सम्बन्ध नही हो मरता, क्योकि ये पोजें तो यहत बाद की है। परन्तु सपियों १८