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हाथसै पैदा करनें वाले
और पोतड़ों के अमीर.
 

उस्की पुस्तकैं अपनें पास सै ले दी थीं बल्कि उस्के घर का ख़र्च तक अपनें पास सै दिया था और यह सब बातैं ऐसी गुप्त रीति सै हुईं कि इन्का हाल स्पष्ट रीति सै मदनमोहन को भी मालूम न होनें पाया था ब्रजकिशोर उसी उपकार के बंधन से इस्समय मदनमोहन के लिये इतनी कोशिश करते हैं.


 

प्रकरण २४.

हाथसै पैदा करने वाले
और पोतड़ों के अमीर

अमिल द्रव्यहू यत्नते मिले सु अवसर पाय।
संचितहू रक्षाबिना स्वतः नष्ट होजाय॥÷[१]

हितोपदेशे.

मदनमोहन का पिता पुरानी चाल का आदमी था वह अपना बूता देखकर काम करता था और जो करता था वह कहता नहीं फिरता था उस्नें केवल हिन्दी पढ़ी थी वह बहुत सीधा सादा मनुष्य था परन्तु व्यापार मैं बड़ा निपुण था साहूकारे मैं उस्की बड़ी साख थी. वह लोगों की देखा देखी नहीं; अपनी बुद्धि सैं व्यापार करता था उस्नें थोडे व्यापार मैं अपनी सावधानी सै


  1. ÷ अलब्धमिच्छतोर्थ योगादर्थस्य प्राप्तिरेव॥
    लब्धस्वा प्यरक्षितसय निघेरपिस्वयं बिनाशः॥

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