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परीक्षागुरु.
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न आया चार के कहनें सै आगया मदनमोहन के चाल चलन सै अनुभवी मनुष्य तो यह परिणाम पहले ही सै समझ रहे थे जिस्पर मास्टर शिंभूदयाल नें मदनमोहन की तरफ़ सै एक दो जगह उधार लेनें की बात चीत की थी इसलिये इस चर्चा मैं किसी को संदेह न रहा. बारूद बिछ रही थी बत्ती दिखाते ही तत्काल भभक उठी:

परंतु लाला मदमोहन या ब्रजकिशोर वग़ैरे को अबत इस्का कुछ हाल मालूम न था.


 

प्रकरण २६.


दिवाला.

कीजे समझ, न कीजिए बिन बिचार ब्यवहार॥
आय रहत जानत नहीं? सिरको पायन भार॥

बृंद.

लाला मदनमोहन प्रातःकाल उठते ही कुतब जानें की तैयारी कर रहे थे. साथ जानेंवाले अपनें, अपनें कपड़े लेकर आते जाते थे इतनें मैं निहालचन्द मोदी कई तक़ाजगीरों को साथ लेकर आ पहुंचा.

इस्नें हरकिशोर सै मदनमोहन के दिवाले का हाल सुना था उसी समय सै इस्को तलामली लग रही थी कल कई बार यह मदनमोहन के मकान पर आया पर किसी नें इस्को मदनमोहन के पास तक न जानें दिया और न इस्के आनें की इत्तला की.