पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/२०२

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परीक्षागुरु.
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सहायता के लिये चिट्ठी लिखता हूं मुझको विश्वास है कि उन्की तरफ़ से पूरी सहायता मिलेगी परन्तु सब सै पहले ब्रजकिशोर के नाम चिट्ठी लिखूंगा कि अब वह मुझको अपना काला मुंह जन्म भर न दिखलाय" यह कह कर लाला मदनमोहन चिट्ठियां लिखनें लगे.


 

प्रकरण २७.


लोक चर्चा (अफ़वाह)

निन्दा, चुगली, झूंठ अरु पर दुखदायक बात।
जे न करहिं तिन पर द्रवहिं सर्वेश्वर बहुभांत॥+[१]

विष्णुपुराणे.

उस तरफ़ लाला ब्रजकिशोर नें प्रातःकाल उठ कर नित्य नियम सै निश्चिन्त होतेही मुन्शी हीरालाल को बुलानें के लिये आदमी भेजा.

हीरालाल मुन्शी चुन्नीलाल का भाई है यह पहले बंदोबस्त के महकमे मैं नौकर था जब सै वह काम पूरा हुआ; इस्की नौकरी कहीं नहीं लगी थी.

"तुमनें इतने दिन सै आकर सूरत तक नहीं दिखाई घर बैठे क्या किया करते हो?" हीरालाल को आते ही ब्रजकिशोर कहनें


  1. + परापवादपैशुन्य मनृतं च न भाषते।
    अन्धद्विगकरं चापि तोष्यते तेन केशवः॥