पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/२१३

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फूटका काला मुंह.
 

तुम को इस्समय इस सलाह के लिये नहीं बुलाया इस विषय मैं तो जब तुम्हारी तरफ़ सै चाहना मालूम होगी देखा जायगा" लाला ब्रजकिशोर कहनें लगे "इस्समय तो मुझको तुम सै हीरालाल की नौकरी बावत सलाह करनी है यह बहुत दिन सै ख़ाली है और मुझको अपनें यहां इस्समय एक मुहर्रिर की जरूरत मालूम होती है तुम कहो तो इन्हें रख लूं?"

"इस्मैं मुझ सै क्या पूछते हैं? इसके लिये आप मालिक हैं" मुन्शी चुन्नीलाल कहनें लगा "मेरी तो इतनी ही प्रार्थना है कि आप "मेरी मूर्खता पर दृष्टि न करें अपनें बडप्पन का बिचार रक्खें. पहली बातों के याद करनें से मुझको अत्यन्त लज्जा आती है आप नें इस्समय लाला हीरालाल को नौकर रखकर मुझे मात कर दिया."

"मैं तुम को लज्जित करने के लिये यह बात नहीं कहता मैंनें अपनें मन का निज भाव तुम को इसलिये समझा दिया है कि तुम मुझे अपना शत्रु न समझो" लाला ब्रजकिशोर कहनें लगे "हिन्दुस्थान के सत्यानाश की जड प्रारम्भ सै यही फूट है इसी के कारण कौरव पांडवों का घोर युद्ध हुआ, इसी के कारण नन्द वंश की जड़ उखडी, पृथ्वीराज और जयचन्द की फूट सै हिन्दुस्थान मैं मुसलमानों का राज आया और मुसल्मानों का राज भी अन्त मैं इसी फूट के कारण गया. सौ सवा सौ बरस सै लेकर अबतक हिन्दुस्थानमैं कुछ ऐसे अप्रबन्ध, फूट और स्वेच्छाचारकी हवा चली कि बहुधा लोग आपस मैं कट मरे. साहूजी नें ईस्ट इन्डियन कंपनी को देवी कोटे का किला और ज़िला देकर उस्के द्वारा अपनें भाई प्रताप सिंह सै तंजोर का राज छीन लिया.