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परीक्षागुरु.
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होंगे परन्तु इन्हीं से उस्के इन्साफ का विचार करो. जिस मनुष्य का प्याला मैंने चुराया वह नामवरी का लालच करके हद्द सैं ज्यादः अतिथि सत्कार करता था और इस रीति सै थोड़े दिनमैं उस्के भिखारी होजानें का भय था इस कामसै उस्की वह उमंग कुछ कम होकर मुनासिब हद्द पर आगई. जिस्को मैंने प्याला दिया वह पहलै अत्यन्त कठोर और निठुर था इस फायदे सै उस्को अतिथि सत्कार की रुचि हुई. जिस सद्गृहस्थ का पुत्र मैंनें मारडाला उस्को मेरे मारने का बृत्तान्त न मालूम होगा परन्तु वह इन दिनों सन्तानकी प्रीतिमैं फंस कर अपनें और कर्तव्य भूलनें लगा था इस्सै उसकी बुद्धि ठिकानें आगई. जिस मनुष्य को मैंनें अभी उठा कर नदीमैं डाल दिया वह आज रात को अपनें मालिक की चोरी करके उसै नाश किया चाहता था इसलिये परमेश्वर के सब कामों पर विश्वास रक्खो और अपना चित्त सर्वथा निराश न होनें दो”

“मुझको इस्समय इस्बात सैं अत्यन्त लजा आती है कि मैंने आपके पहले हितकारी उपदेशों को बृथा समझ कर उन्पर कुछ ध्यान नहीं दिया” लाला मदनमोहननें मन सै पछतावा करके कहा.

"उन सब बातोंका खुलासा इतना ही है कि सब पहलू बिचार कर हरेक काम करना चाहिये क्योंकि संसारमैं स्वार्थपर बिशेष दिखाई देते हैं’ लाला ब्रजकिशोरनें कहा.

“मैं आपके आगे इस्समय सच्चे मनसै प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं अब कभी स्वार्थ पर मित्रोंका सुख नहीं देखूंगा झूंटी ठस दिखानें का विचार न करूंंगा झूंंटे पक्षपात को अपनें पास न