पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/९०

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जेन्टिलमैन लेकिन वह रसीदें खरीदेगा कौन ?:--मि दासन दतावले "मैं खरीदूंगा. मैं । आप एकदम दलालों को डिपाजिटर्स के पास भेजिए। लेकिन बाद रखिए, इसमें मेरा नाम न खुलने पाए और दूसरी बात यह भी याद रखिए कि हमको सिफ बारह दिन का मौका है। अगर हम इन दिनों में तमाम रसीदें च खरोद लगे तो याद रखिए कि हम लोग जहन्नुम रसीद हो जायेंगे।" मि० दास स्वीकृति सूचक सिर हिलाते हुए चले गए। इनके जाने के बाद ही मि० सिन्हा ने घबराए हुए कमरे में प्रवेश किया और कहा-"आपको मालूम है मि० जेन्टलमैन, हमलोगों के नाम वारन्ट जारी हो गये हैं।" जेन्टलमैन ने सहज गम्भीर स्वर में कहा- लेकिन भाई, मैं तो अपने बचने की कोई काशिश नहीं करना चाहता, जो होगा सो भुगतूंगा लेकिन तुम पर मुझ तरस आता है । मैं चाहता हूँ कि तुम फौरन अमेरिका भाग जाओ, क्योंकि मुझे मालूम हो रहा है कि बैंक के फेल होने के साथ ही साथ सेठजी की मृत्यु पर भी शक हो रहा है । मि० सिन्हा ने कहा- "मि० जेण्टलमैन, आप तो जानते ही हैं कि मेरी तो कुल पूँजी बैंक में जमा थी। यह देखिए दो लाख को रसीद है।" मि० जेण्टलमैन ने कहा-"माई, उसके लिए तो सब करना पड़ेगा। जो बन पड़ा किया। लेकिन बात यह है कि विदेश में तुम कुछ कमाकर अपना सुखपूर्वक निर्वाह कर सको, इसलिए तुम्हारे पास एक छोटी-सी रकम जरूर होनी चाहिए, तुम्हारे