पृष्ठ:पुरानी हिंदी.pdf/१२३

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उदाहरणांश प्रथम भाग हेमचंद्र की रचना के नमूने ( १ ) गिरिहेंवि आणिउ पाणिउ पिज्जइ, तरुहेंवि निवडिउ फलु भक्खिज्जइ । गिरिहुँव तरुहुँव पडिअउ अच्छ, विसयहिं तहवि विराउ न गच्छड ॥१६॥ [ हिंदी-सम = गिरिहुं भि आन्यो पानी पीजै, तरहुँ भि निपत्यो फल भक्खीजै । गिरिहुँ भि तरहुँ पडियो आछ, विपयहं तदपि विराग न गच्छ ॥] गिरिहे अपादान, तरुहे-सबध, गिरिहुं, तरुहु-अपादान, पडिअउ-निष्ठा, अच्छइ-आछ, छ, स. आस्ते । (२) जो जहाँ होतउ सो तहाँ होतउ, सत्तु वि मित्तु वि किविहु आवहु । जहिविहु तहिविहु मग्गे लीया, एक्कएँ दिलिहि दोनिवि जोप्रहु ॥२६॥ [हिंदी-सम = जो जहें होतो सो तह होतो, शत्रु भि मीत भि कोइहि आवो । जह भी तह भी मारग-लीना, एकहिं दीठिहिं दोनहिं जोहो ॥] जहाँ होतउ~-जहाँ होता हुअा ( वर्तमान धातुज ) - जहाँ से, लोरण--लगे हुए, लीन ।