पृष्ठ:पुरानी हिंदी.pdf/८२

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पुरानी हिंदी LE सीहु दमवि जु वाहिहइ इक्कुवि जिणिहा नतु । कुमरि पियकरि देवि तमु अप्पह रज्जु नमस्तु ।। गजपुर के राजा खेमकर के सुतारा देवी में एक कन्या उत्पन्न राजा रानी के मरने पर मनियों ने उसे पियकर नाम देकर पुरप हार गद्दी पर बैठाया। फिर कुलदेवी अच्युता की पूजा करके पूम कि उमग पति किसे करें। देवी ने उत्तर दिया--सिंह को, दमन करके, जो वादंगा (सवारी करेगा), एक ( अकेला ), भी, जीनेगा, पदुग्री को, कुमार्ग, प्रियकरी, देकर, उसे, अर्पण करो, राज, ममस्त। ऐना ही एक मिल गया और कहानी कहानियो की तरह चली।