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प्रतिज्ञा

पड़े हुए धन को उठा लेने में किसे सङ्कोच होता है? मैंने अपनी आँखों सब कुछ देख लिया है पूर्णा! तुम दुलक नहीं सकतीं। मैं जो कह रही हूँ, तुम्हारे ही भले के लिए कह रही हूँ। अब भी अगर बच सकती हो, तो उस कुकर्मी का साया भी अपने ऊपर न पड़ने दो। यह न समझो कि मैं अपने लिए, अपने पहलू का काँटा निकालने के लिए तुमसे ये बातें कह रही हूँ। मैं जैसे तब थी, वैसी अब हूँ। मेरे लिए 'जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे विदेस' मुझे तुम्हारी चिन्ता है। यह पिशाच तुम्हें कहीं का न रक्खेगा। मैं तुम्हें एक सलाह देती हूँ। कहो कहूँ, कहो न कहूँ।

पूर्णा ने मुँह से तो कोई उत्तर न दिया; केवल एक बार ग्लानिमय नेत्रों से देखकर सिर झुका लिया!

सुमित्रा बोली---उससे तुम साफ-साफ कह दो कि वह तुमसे विवाह कर ले।

पूर्णा ने विस्फारित नेत्रों से देखा।

सुमित्रा---विवाह में केवल एक बार की जग-हँसाई है। फिर कोई कुछ न कह सकेगा। इस भाँति लुक-छिपकर मिलना तो आत्मा और परलोक, दोनों ही का सर्वनाश कर देगा। उसके प्रेम की परीक्षा भी हो जायगी। अगर वह विवाह करने पर राज़ी हो जाय तो समझ लेना कि उसे तुमसे सच्चा प्रेम है। नहीं तो समझ लेना---उसने काम-वासना की धुन में तुम्हारी आबरू बिगाड़ने का निश्चय किया है। अगर वह इनकार करे, तो उससे फिर न बोलना, न उसकी सूरत देखना। मैं कहो लिख दूँ कि वह विवाह करने पर कभी राजी न होगा। वह तुम्हें खूब

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