पृष्ठ:प्रतिज्ञा.pdf/८२

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बैसाख में प्रेमा का विवाह दाननाथ के साथ हो गया। बड़ी धूम-धाम हुई। सारे शहर के रईसों को निमन्त्रित किया। लाला बदरी-

प्रसाद ने दोनो हाथों से रुपये लुटाये। मगर दाननाथ की ओर से कोई तैयारी न थी। अमृतराय चन्दा करने के लिए बिहार की ओर चले गये थे और ताकाद कर गये थे कि धूम-धाम मत करना। दाननाथ उनकी इच्छा की अवहेलना कैसे करते।

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