पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 2.djvu/१३५

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पात्र-परिचय राज्यश्री

कान्यकुब्ज के राजा ग्रहवर्मा की रानी

अमला, कमला, विमला : राज्यश्री की सखियां सुरमा

एक मालिन

हर्षवर्द्धन

स्थाण्वीश्वर का राजकुमार, फिर भारत का सम्राट

दिवाकरमित्र : एक बौद्ध महात्मा नरेन्द्रगुप्त

गौड़ का राजा

राज्यवर्द्धन

स्थाण्वीश्वर का बड़ा राजकुमार

भण्डि

सेनापति

नरदत्त

मालव का सैनिक

सुएनच्वाङ्ग

चीनी यात्री

पुलकेशिन्

चालुक्य-नरेश

धर्मसिद्धि, शीलसिद्धि : दो बौद्ध भिक्षु शान्तिदेव

बौद्ध भिक्षु फिर दस्यु विकटघोष

देवगुप्त

मालवराज

मधुकर

देवगुप्त का महचर

ग्रहवर्मा

कान्यकुब्ज का राजा

दौवारिक, सहचर, प्रहरी, दस्यु, मैनिक, प्रतिहारी, दूत, मंत्री, नागरिक इत्यादि