पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/५

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भूमिका

प्रकृति में कितनी सुन्दर वस्तुएँ हैं । इनके विषय में ज्ञान प्राप्त करने से हमारी ज्ञानवृद्धि ही नहीं होती किंतु हमें अपने नित-प्रति के कामों में भी बहुत लाभ मिलता है। हमारे चारों ओर जो जानवर अथवा वनस्पतियां हैं उनका अध्ययन करना बहुत अच्छा मालूम होता है । जैसे २ हमारा ज्ञान बढ़ता जाता है वैसे ही हम अधिक जानने की इच्छा करते हैं।

विद्यार्थियों को इस विषय का ज्ञान प्राप्त करने में बहुत रुचि दिखानी चाहिये । इस पुस्तक में वर्णित बातों के अलावा भी उन्हें सदा प्राकृतिक विद्या सीखने की कोशिश करना आवश्यक है । तभी इस विषय के पढ़ने से उचित लाभ होसकता है ।

ग्रंथ-रचयिता।

१८ अगस्त सन् १९२७ ई०



Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri