पृष्ठ:प्राचीन चिह्न.djvu/१२४

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प्राचीन चिह्न

जितने पुरातत्त्व-विद्वानों को इन कबरों की हड्डियाँ और कङ्काल दिखलाये गये सबने यही राय दी कि ये कबरे ढाई हजार वर्ष से कम पुरानी नहीं हैं, अधिक चाहे हों। किसी-किसी का यह खयाल है कि ये उस समय की क़बरें हैं जब रोमन लोगो के .कब्जे मे इँगलिस्तान नहीं आया था। लगभग तीन हजार वर्ष पहले लोगो के सिर गोल नहीं होते थे। वे कुछ-कुछ चिपटे होते थे। उसी समय की ये कबरे हैं। दांतों की परीक्षा से मालूम होता है कि जिन लोगों के ये दॉत हैं वे अनाज अधिक खाते थे, मांस कम ; क्योंकि दॉत बहुत घिसे हुए हैं। मालूम होता है कि तब तक इन लोगों के पास शिकार करने के लायक कोई अच्छे शस्त्र न थे। इन कबरों मे एक भी सिक्का नहीं मिला, जो इनकी प्राचीनता का बहुत बड़ा प्रमाण है।

[जून १९०८


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