पृष्ठ:प्राचीन चिह्न.djvu/२१

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२——यलोरा के गुफा-मन्दिर

इस लेख में हम यलोरा की गुफाओं का संक्षिप्त वर्णन लिखते हैं। विस्तृत वर्णन अन्यत्र, और पुस्तको मे, देखना चाहिए। ये गुफायें बहुत बडी-बड़ो हैं, और अनेक हैं। अतएव उन सबका सविस्तर वर्णन करने के लिए बहुत स्थान और बहुत समय दर- कार है। फिर, गुफाओ के साथ उनके चित्र और उनके भीतर की सैकड़ो मूर्तियो का वर्णन, पूरे तौर से, एक छोटे से लेख में करना, अधिक कठिन काम है। एक बात और भी है। वह यह कि अजण्टा में तो केवल बौद्धों की गुफायें हैं; परन्तु, यलोरा मे बौद्ध, जैन और हिन्दू, इन तीनों की, हैं। “भारत- वर्ष के गुफा-मन्दिर" ( Cave temples of India) नाम की अँगरेजो पुस्तक में इन मन्दिरों का वर्णन पढ़ने और उनके चित्रो के दर्शन करने पर, इस देश के प्राचीन कला-कौशल- सम्बन्धी भावों का हृदय मे जो उन्मेष होता है वह बड़ा ही आतङ्क-जनक और साथ ही बड़ा ही आलादकारक भी है। इन मन्दिरों के विषय मे पुरातत्त्ववेत्ताओ ने अनेक प्रशंसापूर्ण लेख लिखे हैं। हम, यहाँ पर, उन्ही का सारांश प्रकाशित करते हैं।

जबलपुर से बम्बई को जो रेलवे-लाइन जाती है उसका नाम ग्रेट इंडियन पेनिन्शुला रेलवे है। इस लाइन पर मन्माड़ नाम का एक स्टेशन है। यह स्टेशन बम्बई से १६१