पृष्ठ:प्राचीन चिह्न.djvu/४३

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३——ईसापुर के यूप-स्तम्भ

सन् १६१०-११ की आरकियोलाजिकल सर्वे रिपोर्ट में दो यूप-स्तम्भों का वर्णन है। ये यूप मथुरा के पास ईसापुर मे मिले हैं। यह जगह मथुरा में, यमुना के बायें तट पर, विश्रान्त-घाट के ठीक सामने है। गरमियों मे यमुना की धारा बहुत पतली हो जाती है; पानी कम रह जाता है। १६१० ईसवी के जून महीने मे राय बहादुर पण्डित राधाकृष्ण को पत्थर के दो खम्भों का कुछ अंश, उथले जल मे झलकता हुआ, दिखाई दिया। उन्होने उन खम्भो को निकालना चाहा । बड़ी कठिनता से किसी तरह उन्होंने उनको वहाँ से खोद निकाला। निकालकर उन दोनों को उन्होंने मथुरा के अजायबघर में रक्खा। इस अजायबघर मे और भी अनेक पुरानी वस्तुओं का संग्रह है। इन दो खम्भो में से एक पर संस्कृत में एक लेख खुदा हुआ है। उससे मालूम हुआ कि ये दोनों पुराने यूप-स्तम्भ हैं।

जिस खम्भे पर लेख है वह कोई २० फुट ऊँचा है । नीचे से लेकर कोई ८३ फुट ऊपर तक वह चौकोन है। उसके आगे वह अष्टकोणाकृति है। चौड़ाई १ फुट १ इञ्च और मुटाई १ फुट है। चौकोन अंश के ५ इञ्च ऊपर रस्से की प्राकृति खुदी हुई है। रस्सा दुहरा लपेटा हुआ है। दोनों