पृष्ठ:प्राचीन चिह्न.djvu/५१

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४——प्रयाग-प्रान्त के प्राचीन ऐतिहासिक नगर


पूर्वकाल में इलाहाबाद के आस पास के प्रसिद्ध ऐतिहा- सिक स्थानों मे कालनगर, अलर्कपुरी, शृङ्गिवीरपुर, कौशाम्बी, भारहट और प्रतिष्ठानपुर मुख्य थे। मगध देश के चक्रवर्ती राजा अशोक ने अपनी प्रजा के सुभीते के लिए कितनी ही सड़कें बनवाई थी। पत्थर के ऊँचे-ऊँचे स्तम्भों और पहा- ड़ियों की चटानों पर उसने अपनी आज्ञाये और प्रतिज्ञाये खुदवा दी थीं। प्रजा के हित के लिए जो-जो काम उसने किये थे उनका भी उल्लेख उसके इन आदेशो में पाया जाता है। उसके दो उत्कीर्ण शिलालेखों मे लिखा है——“मैंने सड़के बनवा दी हैं; उनके किनारे बड़े-बड़े बरगद और आम के पेड़ लगवा दिये हैं; एक-एक मील पर कुवे खुदवाये हैं; धर्मशालायें भी जगह-जगह पर बनवाई है। मनुष्यों ही के नही, पशुओं और पक्षियों तक के आराम का प्रबन्ध मैंने कर दिया है।"

अशोक की बनवाई कई सडको का पता पुरातत्त्ववेत्ताओं ने लगाया है। उज्जैन उस समय मगध-राज्य का एक सूबा था। वहाँ से एक सड़क भिलसा, रूपनगर, भारहट, कौशाम्बी और प्रयाग होती हुई राज-गृह को जाती थी। अशोक के शासनकाल में ये नगर बड़े ही समृद्धिशाली थे। साँची के स्तूप भिलसा के बिलकुल पास हैं। पूर्व काल मे भिलसा