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वैदेही-वनवास

यह हरिऔध जी की करुण-रस-प्रधान सर्वश्रेष्ठ रचना है । पुस्तक पढ़ते-पढते आप करुण-रस के सागर मे इतने निमग्न हो जायेंगे कि आप की ऑखो से आँसू गिरने लगेगे । लेखक ने एक एक पंक्ति इसकी ऑसू पोछ-पोछ कर लिखी है। ग्रंथारभ में काव्य-संबधी अनेक बातो का दिग्दर्शन कराते हुए लेखक ने २५ पेज की भूमिका भी लिखी है। सभी पत्रपत्रिकाओ ने इस पुस्तक की मुक्तकंठ से पशसा की है। मूल्य २।)

पुष्प-विज्ञान

इस पुस्तक में पुष्पो की उत्पत्ति, उनका विकाश, उनकी सामाजिक आवश्यकता आदि का वर्णन तो दिया ही है, साथ ही प्रायः सभी भारतीय पुष्पों का आयुर्वेद मता-नुसार गुणावगुण एवं रोग विशेष मे उनके विशेष उपाय भी बतलाए गए हैं । मूल्य ।।।)

ठंढे छींटे

यह बात प्रसिद्ध ही है कि श्री हरि जी गद्य-काव्य लिखने में एक ही हैं । यह आपकी गद्य-काव्य के रूप मे सर्वश्रेष्ठ क्रान्तिकारी रचना है।

खड़ी बोली हिंदी-साहित्य का इतिहास

खड़ी बोली के सभी अगो के विषय में इस पुस्तक द्वारा अच्छी तरह समाधान हो सकता है। हिंदी-साहित्य में अपने विषय की यह अकेली पुस्तक है । मूल्य १।‌।।)

भाषा की शिक्षा

हिन्दी भाषा की शिक्षा देने के लिए अपने विषय की यह अपूर्व पुस्तक है । यह ग्रन्थ उन सभी अध्यापको के काम का है जो प्राथमिक कक्षाओ से लेकर ऊँची कक्षाओ तक भाषा की शिक्षा देते हैं। हर एक अध्यापक को उसकी आवश्यकतानुसार इसमें सामग्री मिलेगी । मूल्य २)

मिलने का पता——

हिंदी-साहित्य-कुटीर, बनारस