पृष्ठ:प्रिया-प्रकाश.pdf/२

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समर्पण लीजिये 'केशबकौमुदी' की तरह यह प्रियाप्रकाश' भी प्रापही को समर्पित है। यह दीका अच्छी हो या बुरी, है पापही के प्रसाद से पाई हुई बुद्धि का विकास । अतः इसके उचित अधिकारी भी थाप ही हैं । स्वीकार करके इस सीन को कृतार्थ कीजिये। 'दीन' --- POS-