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पहला प्रभाव


फलों की माला धारण करती है और उत्तम वीणा भी रखती है तथा सर्वदा सुन्दररूप युक्त शोभा देती है। सूल-सबिता जू कविता दई, ताकहँ परम प्रकास । ताके काज कबिप्रिया, कीन्ही केशव दास ॥ ६ ॥ शदार्थ---सविता भगवान, नारायण । ताकह उस प्रवीण राय को। ताके काज : उल प्रवीण राय के वास्ते ! भावार्थ- m. उस प्रवीणराय को ईश्वर ने परम प्रकाशमती काश्यकरण प्रतिभा दी है। उसी की शिक्षा के लिये केशव दास ने यह 'कविप्रिया' नामक ग्रंथ बनाया। पहला प्रभाव समास ।