पृष्ठ:प्रिया-प्रकाश.pdf/४२१

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प्रिया-प्रकाश भोगनि को भोगवत, कौने गर्ने भागवल, जीते का यतीन, कौन हैं प्रनाम के बरन । कौन करी सभा, कौन युवती अजीत जग, गावै कहा गुणी, कहा भरे हैं भुजंग गन । का पै मोहैं पशु, कहां करें तपी तप, इन्द- जीत जी बसत कहां, "ववरँगराय मन" ॥५६॥ { स्यात्या)--इसमें सब से अंतिम प्रश्न यह है कि 'इन्द्रजीत जी कहां बसते हैं, इसका एक समस्त उत्सर है "नवरंगराय सपना" । अब पहले प्रश्न को देखिये । (प्रश्न) २-लंका कैमेली २--वर (बलसे)-अनुस्वार छोड़ दी, 'व' को 'ब' माना। ३-काहे पट पीत होत? ३-रंग (रंग) से ४-कौन जन सभा शोभता है ? ४ारा (गरू गंभीर,हलका नहीं) भोग कौन भोगता है? ५-राय (सरदार लोग) ६-भागवतों में गणना किसकी है ६-यम ( यमराज की गणना भक्तो में है) यतियों ने किसे जीता है ? -मन । यहां तक 'ज्यस्तगत उत्तर हुए। अब उलट कर अलिये (अंतसे)

-प्रणाम करने के अक्षर कौन हैं। १-नमः ।

२-तभा किसने बनाई (युधिष्ठिर २-मयः ( दानव विश्वकर्मा का सभाभवन किसने बनाया था) का पुत्र)