पृष्ठ:प्रिया-प्रकाश.pdf/४२४

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सारहवां प्रभाध (अय समस्तोसर मिन पदार्थ से) ९-पापी का न्याय करके ९-जनमें जय (अनेक बार जन्म यमराज क्या कहते हैं? धारन करने से जय होगी १०-सर्पयज्ञ किसने किया? १०-जनमेजय (परीक्षितपुत्र ने) (विपरीत ब्यस्त समस्त प्रश्नोत्तर) मधु हन्यो, प्रेम केहि पलुइत प्रभु मन । कहा कमल को गेह, सुनत कह मोहत मृग गन ।। कहाँ बसत सुख सिद्धि, कबिन कौतुक केहि बरनन । केहि सेये पितु मातु, कयौ कवि केशव सरवन ॥६ (व्याख्या)-प्रश्नों के उत्तर 'सरवन' शब्द से निकलते हैं। अंत की ओर से चलिये। प्रह, प्रश्न १-ग्रह कितने हैं? २-मधु को विष्णु ने कैसे मारा? २-घर (बल से) ३--अभुके मन में प्रेम कैसे पल्लवित होता है १३-रस (प्रेम से) (अव सीधे चलो) ४-कमल का घर कौन है ? ४-सर (तालाब) ५-क्या सुनकर मृगगन मोहित होता है ? ५-रव (शब्द, गान) ६-मुखपूर्वक सिद्धगण कहाँ बसते हैं ? ६-धन (बन में) -कविगण कौतुकसे क्या वर्णन करते हैं ? नव रस ८-साता पिता की सेवा किसने की? ८-सरवन (ने)