पृष्ठ:प्रिया-प्रकाश.pdf/४३६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

४३३ सोरहवा प्रभाव (२)-कपाटबद्ध (किवाड़े की शकल) जी त गी गी गी सं त ये भ TY म म का र स ली न दी (३)--अश्वगति चक्र। (जो शतरंज के घोड़े की चाल के अनुसार भी पढ़ा जा सकै ) द्र जी सं गी ले ग सली (ब गी सं भ का म 15