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पाँचवा प्रभाव


भावार्थ-हरि' शब्द के दो अर्थ हैं ( १) सिंह(२) कृष्णाजी जय सिंह अर्थ हो तब सफेद रंग समझो, जब 'कृष्णजी' अर्थ लिया जाय तब श्याम रंग का बोध होगा। तथा विधु' शब्द के दो अर्थ हैं--(१) चंद्र (२) बिष्णु । चंद्र से श्वेत तथा विष्णु से श्याम का बोध होगा। 'अभ्रक' के दो अर्थ (१) धातुविशेष (२) आकाश-'धातु' अर्थ में श्वेत का, तथा 'आकाश' अर्थ में श्याम का बोधक है। 'पाख' शब्द दोनों का बोधक होगा अर्थात् कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का, "गये पाखदिन सजत समाजू" यहां "पाख का अर्थ कृष्णपक्ष वा शुक्ल पक्षदोनों हो सकेगा। मूल-~धन कपूर घन मेध अरु, नागराज गज शेष । पयोराशि कहि सिंधु सों, अरू छिति छीरहि लेख ॥३६॥ भावार्थ'धन' का अर्थ (१) कपूर (२) मेध । कपूर से श्वेत और मेघ से श्याम रंग का बोध होगा। 'नागराज' के दो अर्थ (१) गज (२) शेष | गज से शाम, शेष से सफेद रंग का बोध होगा। 'पयोराशि के दो अर्थ (१)सिंधु (२) दुग्धसमूह । सिंधु से श्याम, तथा दुग्ध से सफेदरंग का बोध होगा। मूल-राहु सिंह सिंहीज भनि, हरि बलभद्र अनंत । अर्जुन कहिये शेवत सों, अरु पारथ बलवंत ॥ ४० ॥ भावार्थ-'सिंहीज' शब्द के दो अर्थ (१) राहु-इससे श्याम का बोध, (२) सिंह-इससे श्वेत रंग जानो । 'अनंत' के दो अर्थ (१) कृष्णजी-इससे श्यामका बोध (२) बलदेवी- इस अर्थ से श्वेत का बोध । 'अर्जुन' शब्द का एक श्री श्वेत