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प्रेमघन सर्वस्व

दया से इसी के सहारे विलायती प्रजा की आँखें खुलेंगे वह भारत साम्राज्य को हमारे साथ उचित न्याय करने पर बाध्य करेगी एवम् महाराणी विक्टोरिया की आज्ञा का पालन होगा और भारत में फिर सुख का समुद्र उमड़ेगा।