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हमारे देश की भाषा अक्षर

न्याय प्रिय जन इसे छोड़ अंग्रेजी अक्षरों का प्रचार देना चाहेगा? अभी अभी जब कि प्रशंसित श्रीमान् अपने परिभ्रमण में श्री काशी जी में विराजमान हुये थे, और जब वहाँ की "नागरी प्रचारणी सभा" ने इस प्रश्न को श्रीमान की सेवा उत्थित किया था तो श्रीमान ने ऐसा कोरा उत्तर नहीं दिया, कि जिससे दुराशा उत्पन्न हो। यधपि ऐसे विषय के लिये किसी विशेष सभा ही की एक वार सामान्य रीति की प्रार्थना पर्याप्त नहीं है: जैसा कि ऊपर लिख आये हैं कि ऐसे ऐसे वरंच इससे भी और अधिक उद्योग कई स्थानों से कई बार किये गये, और प्रार्थनायें की गई, परन्तु इससे कुछ लाभ नहीं हुआ, और न हो सकता है। इसलिए इसके लिये अब एक बार यथेट उद्योग करना अत्यावश्यक और उचित है, और हम निश्चय रूप से कह सकते हैं कि इससे अच्छा अवसर इसके लिये दूसरा न होगा, वरंच यदि इस बेर और भी उदासीनता अवलम्बन कर हम लोगों ने मौन मार लिया तो कदाचित फिर कोई दूसरा अवसर हाथ ही न आयेगा, क्योंकि जब निस्त्रत्ववती उर्दू के स्थान पर राजाक्षर रोमन प्रचरित हो जाँयगे, तो उनका उठना तो इस राज में सर्वथा असम्भव ही हो जायगा।

सारांश अब बिना बिलम्ब के समस्त एतद्देशीय प्रजा और विशेषतः हिंदी हितैषियों को ऐसा उद्योग करना चाहिये कि इस प्रदेश के प्रत्येक प्रान्त और खण्डों से यथा सम्भव अधिक जन हस्ताक्षरित प्रार्थनापत्र प्रादेशिक साम्राज्य की सेवा में सर्मपण किये जा सके, और इस प्रकार वे अपने सर्वोत्कृष्ट कर्तव्य को कर कृतार्थ हो अननन सुयश और धर्म के भागी हो। प्रार्थना पत्रों का आशय स्थूल रूप से केवल इतना मात्र होना चाहिये कि-साम्राज्य जो अपने न्यायालयों में अरबी अक्षरों के स्थान पर रोमन अक्षरों का प्रचार करना चाहता है, वास्तव में अरबी अक्षरों को इस देश पर कोई स्वत्व नहीं है। परन्तु यह एक बड़ा अन्याय होगा कि जो बात भारत के किसी प्रदेश में प्रचरित नहीं है, केवल इसी प्रान्त में प्रचरित की जाय। अतः देशी भाषा के संग देशी ही अक्षर हिन्दी अर्थात् नागरी का प्रचार देना न्याय सम्मत है, क्योंकि वही इस देश का अक्षर है और उसी को सर्वसामान्य प्रजा पढ़ती लिखती और कार्य में लाती है। इस विषय में विशेष प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं है कि इस देश का अक्षर कौन है, जब कि गवर्नमेंट देखती है कि पटचारियों के सब गाई काग़ज़ इन्हीं अक्षरों में लिखे जाते, और ग्रामाधीशों और व्यापारियों के घरऊ समस्त बही खाते इसी बिगड़ी (जो शीघ्र लिखने के